नोएडा लैंड स्कैमः पूर्व IAS मोहिंदर सिंह के ठिकानों से 42 करोड़ की ज्वैलरी, 85 लाख कैश बरामद

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प्रवर्तन निदेशालय ने दो दिन की छापेमारी के बाद सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह और हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) के निदेशकों के ठिकानों से कैश, जेवरात और बेनामी संपत्तियां मिली हैं. ईडी को 42.56 करोड़ से अधिक के हीरे और सोने के जेवरात, 85 लाख रुपये नकद और कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं. यह छापेमारी चंडीगढ़, नोएडा, मेरठ, दिल्ली और गोवा समेत 18 ठिकानों पर की गई. 1978 बैच के आईएएस रहे मोहिंदर सिंह नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ रहे हैं. वे साल 2007 से 2012 के बीच बसपा सरकार के सबसे ताकतवर नौकरशाहों में से एक माने जाते थे. उन पर अपने पद का दुरुपयोग कर कीमती भूमि को मामूली दरों पर अपने करीबी लोगों को आवंटित करने का आरोप है. ईडी ने मोहिंदर सिंह और एचपीपीएल के निदेशकों सुरप्रीत सिंह सूरी, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान 29.35 करोड़ रुपये के हीरे और सोने के जेवरात, 5.26 करोड़ रुपये का एक हीरा और 7.01 करोड़ रुपये के हीरे के अतिरिक्त जेवरात बरामद हुए. कुल मिलाकर ईडी ने 42.56 करोड़ रुपये मूल्य के जेवरात और नकदी जब्त की है

जांच में सामने आया है कि एचपीपीएल के निदेशकों ने निवेशकों से जुटाई गई 190 करोड़ रुपये की रकम को अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर हड़प लिया. इसके अलावा नोएडा सेक्टर 107 में आवंटित की गई भूमि का एक बड़ा हिस्सा अन्य बिल्डरों को बेच दिया गया. इस पूरे घोटाले की कुल राशि लगभग 236 करोड़ रुपये आंकी जा रही है.
2010-11 में नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रहते हुए मोहिंदर सिंह ने सेक्टर 107 में आवासीय प्रोजेक्ट के लिए कीमती जमीन का आवंटन किया. आरोप है कि उन्होंने इस भूमि को नियमों को नजरअंदाज कर अपने करीबी सहयोगियों जैसे कि निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी और विदुर भारद्वाज के नाम आवंटित कर दिया. एचपीपीएल ने लोटस 300 नाम की परियोजना के लिए निवेशकों से 426 करोड़ रुपये जुटाए थे, लेकिन इन फंड्स को फर्जी कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया. निवेशकों से समय पर फ्लैट न देने के आरोप में दिल्ली और नोएडा में कई एफआईआर दर्ज कराई गईं, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मामले की जांच शुरू की. बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस घोटाले की जांच के आदेश दिए और ईडी ने जांच को अपने हाथ में लिया.