झारखंड : हजारीबाग में भारी बवाल के बीच लगाई गई धारा 163, दो समूहों के बीच झड़प हुई

राष्ट्रीय

झारखंड के हजारीबाग जिले में बुधवार को महाशिवरात्रि के दौरान झंडे और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो समूहों के बीच झड़प के बाद जिले के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी। पुलिस ने बताया कि इचाक थाना क्षेत्र में महाशिवरात्रि के दौरान धार्मिक झंडे और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो समूहों के सदस्यों के बीच झड़प में कई लोग घायल हो गए। उसने कहा, ‘बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जिसके तहत जुलूस निकालने, पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, हथियार लेकर चलने आदि पर प्रतिबंध है।’ यह सब तब शुरू हुआ जब एक समूह ने दूसरे समूह के सदस्यों द्वारा इचाक थाना क्षेत्र के डुमरांव गांव में एक स्कूल के सामने धार्मिक झंडे और लाउडस्पीकर लगाने पर आपत्ति जताई। पुलिस ने बताया कि पहले दोनों समूह में बहस हुई जो हिंसा में बदल गई और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव कर दिया। कई दोपहिया वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और समूहों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया गया। पुलिस ने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। हम लोगों से महाशिवरात्रि को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील करते हैं।’

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ ने हिंसा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उन्हें बाहर निकालने के लिए कड़े कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘चाहे होली हो, सरस्वती पूजा हो, रामनवमी हो या महाशिवरात्रि हो ऐसी घटनाएं केवल झारखंड में ही क्यों होती हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि बांग्लादेश से घुसपैठिए यहां सांप्रदायिक सद्भाव और कानून-व्यवस्था को नष्ट करने पर तुले हुए हैं और राज्य की जनसांख्यिकी को बदल रहे हैं।’