J&K: रोशनी छीनी थी-हिम्मत नहीं, पैलेट गन की शिकार इंशा ने 12वीं में किया कमाल

राष्ट्रीय

JKBOSE 12th Result 2023 Declared: जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) ने 12वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस साल 12वीं बोर्ड परीक्षा का ओवरऑल पास प्रतिशत 65% रहा है. लड़कियों ने लड़कों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. इस साल लड़कियों का पास प्रतिशत 68% रहा जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 61% रहा है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पास हुए छात्रों को बधाई दी है. उन्होंने कहा, “यह जानकर खुशी हुई कि लड़कियां 61% लड़कों के मुकाबले 68% पास प्रतिशत के साथ लड़कों से आगे निकल रही हैं, लड़कियों ने प्रतिभा दिखाई है.” इन्हीं प्रतिभाशाली लड़कियों में शोपियां जिले की रहने वाली इंशा मुस्ताक भी शामिल है, जिसने साल 2016 में आंसू गैस गोला लगने की वजह से अपनी आंखों की रोशनी खो दी.

वो साल 2016 था जब…
दरअसल, 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसा भड़क गई थी. प्रदर्शनकारियों को काबू करने का हर प्रयास विफल हो रहा था. सुरक्षा बल और प्रदर्शनकारियों के बीच सैकड़ों दफा हिंसक झड़पें हुईं. कई बार भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बल ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया. इसके इस्तेमाल से हजारों लोग घायल हुए और काफी लोगों को देखने में दिक्कत आने लगी है. इसी दौरान दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले की रहने वाली 13 वर्षीय इंशा मुस्ताक की आंखों की रोशनी एक बैलेट लगने से चली गई थी.

हादसे के बाद बदल गई जिंदगी
हादसे के वक्त इंशा की उम्र महज 13 साल थी, उसे अभी बहुत कुछ देखना बाकी था लेकिन एक पल में ही इंशा की जिंदगी में अंधेरा छा गया. अचनाक आंखों की रोशनी चले जाना एक बड़ा सदमा था. कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आगे का जीवन कैसे कटेगा. माता-पिता भी इंशा के साथ हुए इस हादसे से सुन्न पड़ गए थे. आगे की पढ़ाई तो बहुत दूर की बात थी, रोजाना की जाने वाली छोटी-छोटी चीजों को करने में मश्किलें पहाड़ सी हो गई थी.

सरकार ने बढ़ाया मदद का हाथ
सुरक्षा बल और प्रदर्शनकारियों के बीच हो रही झड़पों के बीच इंशा की आंख की रोशनी जाने से कई सवाल उठने लगे. इंशा के बारे में खूब खबरें छपीं और उसे इंसाफ दिलाने की मांग होने लगी. इंशा काफी चर्चा में रही थी. खैर, सरकार ने मदद का हाथ बढ़ाया. जम्मू और कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार चल रही थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इंशा का इलाज कराने का जिम्मा उठाया और कई बड़े हॉस्पिटल में बड़े-बड़े डॉक्टर्स को दिखाया गया. बावजूद इसके इंशा की आंखों की रोशन नहीं लौटी.

नहीं मानी हार, 12वीं में आए 370 नंबर
जिस वक्त पढ़ाई करनी थी, कुछ बनने का सपना देखना था, इंशा अस्पतालों के चक्कर काट रही थी और आंखों की रोशनी वापस लौटने की दुआ कर रही थी, लेकिन आखिर में निराशा हाथ लगी. फिर भी इंशा ने हिम्मत नहीं हारी. उसने पढ़ाई जारी रखी और अब उसकी मेहनत रंग लाई है. इंशा ने जम्मू और कश्मीर बोर्ड 12वीं परीक्षा में 500 में से 370 यानी 74% नंबर हासिल किए हैं. इंशा अपनी इस कामयाबी का श्रेय स्कूल प्रशासन के साथ-साथ अपने माता पिता को दिया है.

सरकार ने पूरा नहीं किया वादा: इंशा
इंशा मुस्ताक ने आजतक की टीम के साथ 12वीं पास करने की खुशी जाहिर की. साथ ही सरकार के उस वादे के बारे में भी बताया जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. इंशा ने आजतक को बताया कि हादसे के बाद तत्कालीन सरकार ने गैस एजेंसी देने का वादा किया था लेकिन सरकार ने कभी उसे पूरा नहीं किया है.