भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच JNU ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ कैंसिल किया MOU

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ हुआ शैक्षणिक समझौता ज्ञापन (MoU) राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण निलंबित कर दिया है जेएनयू के अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की. इस समझौते के तहत फैकल्टी एक्सचेंज और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, कॉन्फ्रेंस और शोध के प्रोजेक्ट जैसे कई शैक्षणिक सहयोग प्रस्तावित किए गए थे. तुर्की के मलत्या स्थित इनोनू विश्वविद्यालय ने जेएनयू के साथ यह साझेदारी दो देशों के बीच सांस्कृतिक अनुसंधान और छात्र सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की थी.

जेएनयू और तुर्की के बीच यह समझौता तीन साल के लिए हुआ था. इस बात की जानकारी देते हु एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में, जेएनयू ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा विचारों के कारण, जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्की के बीच समझौता ज्ञापन को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है. जेएनयू राष्ट्र के साथ खड़ा है. #राष्ट्र प्रथम.”

मालट्या में स्थित इनोनू विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग को मजबूत करने के लिए जेएनयू के साथ हाथ मिलाया था समझौता ज्ञापन में शामिल दो जेएनयू स्कूल स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज और स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंसेज हैं. कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने कहा, “जेएनयू ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर समझौता ज्ञापन को निलंबित कर दिया है, क्योंकि जेएनयू राष्ट्र और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है, जिनमें से कई जेएनयू के पूर्व छात्र हैं.”

MOU को निलंबित करने का फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में लिया गया है. तुर्की के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है क्योंकि अंकारा इस्लामाबाद का समर्थन कर रहा है और पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा कर रहा है. पूरे देश में तुर्की के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग पहले ही उठ चुकी है.

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