गुजरात के जूनागढ़ में दरगाह का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है. हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर, नगर निगम के सीनियर टाउन प्लानर और जिला सर्वेयर को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है. इस मामले की अगल सुनवाई 27 जून को होगी.
दरअसल, मुस्लिम ट्रस्ट में दरगाह के निर्माण को गिराए जाने को लेकर डर बैठ गया है. जिसकी वजह से हाईकोर्ट में रिट दाखिल की गई है. कहा गया है कि नोटिस बहुत कम समय के लिए दिया गया है. अगर समय पर दस्तावेज नहीं दिए गए तो बुलडोजर चला दिया जाएगा. अब इसको लेकर हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है.
दरगाह के पक्षधर मुस्लिम ट्रस्ट ने मांग की है कि जूनागढ़ नगर पालिक निगम की ओर से नोटिस में दिया गया समय काफी नहीं है. दस्तावेज पेश करने के लिए पूरा समय दिया जाना चाहिए. हाईकोर्ट में दायर की गई रिट में मुस्लिम ट्रस्ट ने कहा कि ये तीनों दरगाह 19वीं और 20वीं सदी में बनी हैं. इसकी मालिकी को जांचने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन सात दिन दस्तावेज जाम करने के लिए काफी नहीं हैं.
बता दें कि हाल ही में जूनागढ़ में एक अवैध दरगाह को लेकर जबरदस्त बवाल मच गया था. दरगाह के अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन ने जो नोटिस जारी किया था, उसके बाद लोग भड़क गए और पुलिसकर्मयों को ही निशाना बना लिया था. इस दौरान उपद्रवियों की इस भीड़ ने मजेवड़ी चौक स्थित पुलिस चौकी पर हमला कर तोड़फोड़ कर दी और वाहनों को आग के हवाले कर दिया था.
क्या है मामला
दरअसल, जूनागढ़ में मजेवड़ी गेट के सामने रास्ते के बीचो-बीच एक दरगाह बनी है. इसे हटाने के लिए महानगर पालिका की ओर से सीनियर टाउन प्लानर ने एक नोटिस जारी किया था. नोटिस में लिखा गया था कि ये धार्मिक स्थल अवैध तरीके से बनाया गया है. पांच दिनों के अंदर ये धार्मिक स्थल के कानूनी तौर पर सही होने के सबूत पेश किए जाएं, वरना ये धार्मिक स्थल तोड़ा जाएगा और इसका खर्च आपको देना होगा.
धार्मिक स्थल (दरगाह) के डिमोलेशन का नोटिस लगाने महानगर पालिका के अधिकारी पहुंचे थे. नोटिस पढ़ते ही असमाजिक तत्व इकट्ठा हो गए और नारे लगाने लगे. पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो हमलावर हो गए. पत्थरबाजी की इस घटना में 1 डीएसपी, 3 महिला पीएसआई सहित पुलिसकर्मी घायल हुए थे.