भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की 23वीं बैठक बुधवार को बीजिंग में हुई, जिसमें सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर चर्चा की गई। सबसे बड़ी खास बात तो यह रही कि भारत और चीन के बीच फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने को लेकर सहमति बन गयी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री और सीपीसी केंद्रीय समिति के सदस्य वांग यी ने भाग लिया। डोभाल ने वांग यी को अगले दौर की एसआर बैठक आयोजित करने के लिए भारत आने का निमंत्रण भी दिया। बीजिंग में डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की। इस दौरान हान ने कहा कि चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास के रास्ते पर वापस लाने के लिए धीरे-धीरे संस्थागत वार्ता के साथ-साथ अर्थव्यवस्था, व्यापार और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को फिर शुरू करना चाहिए।
अजीत डोभाल ने कहा कि भारत, चीन के साथ रणनीतिक संचार को मजबूत करने, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का विस्तार करने तथा द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नई गति लाने का इच्छुक है। वहीं विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि दोनों पक्ष सीमा पार विनिमय और सहयोग मजबूत बनाने की कोशिश जारी रखने को तैयार हैं। इसके साथ ही भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू करने को लेकर सहमति बन गयी। इसके साथ ही नाथुला में कारोबार भी फिर शुरू करने पर सहमति बनी है। नाथुला में लंबे समय से भारत व चीन के बीच कारोबार होता रहा है और चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश भी है। हालांकि 1962 के युद्ध के बाद यह कारोबार बंद हो गया था। इसे बाद में 2006 में फिर शुरू किया गया लेकिन एक बार फिर सीमा विवाद चलते यह बंद कर दिया गया था।