‘कंगना रनौत की रद्द हो संसद सदस्यता’, याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

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बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. कंगना के चुनाव को कोर्ट में चुनौती दी गई है और पूरे चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है. कोर्ट ने कंगना को 21 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. ऐसे में कंगना की संसद सदस्यता पर चर्चा होने लगी है. कंगना हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से 74,755 वोटों से चुनाव जीती हैं. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को हराया है. विक्रमादित्य राज्य सरकार में लोक निर्माण विभाग में मंत्री भी हैं. विक्रमादित्य को 4,62,267 वोट मिले थे. जबकि कंगना ने 5,37,002 वोट हासिल किए थे. किन्नौर निवासी लायक राम नेगी की याचिका पर हाई कोर्ट ने बुधवार को कंगना रनौत को नोटिस जारी किया. इस याचिका में कंगना का चुनाव रद्द किए जाने की मांग की गई है. याचिका कर्ता का कहना है कि वो इस बार आम चुनाव लड़ना चाहता था. इसके लिए उसने मंडी लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया था. लेकिन, उसके नामांकन पत्र को चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से खारिज कर दिया . हाईकोर्ट में जस्टिस ज्योत्सना रेवाल ने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया और 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता नेगी ने रनौत के चुनाव को रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा, मेरे नामांकन पत्र को रिटर्निंग ऑफिसर (उपायुक्त, मंडी) ने गलत तरीके से खारिज कर दिया था. नेगी ने इस पूरे मामले में कंगना को भी पार्टी बनाया है.

नेगी का कहना था कि वो वन विभाग में कर्मचारी थे. चुनाव के लिए उन्होंने वीआरएस लिया था. रिटर्निंग अधिकारी के सामने नामांकन पत्र के साथ विभागीय नो ड्यूज भी सबमिट किया था. नेगी का कहना था कि नामांकन के दौरान मुझसे कहा गया कि सरकारी आवास को लेकर जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी सबमिट करने होंगे. उन्हें ये सर्टिफिकेट जमा करने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया. अगले दिन जब हमने रिटर्निंग ऑफिसर को कागजात दिए तो उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया और नामांकन पत्र भी खारिज कर दिया. नेगी ने दावा किया कि यदि उनके कागजात स्वीकार कर लिए जाते तो वे चुनाव जीत सकते थे. उन्होंने कहा कि ये चुनाव रद्द किया जाए.