उत्तरप्रदेश : कांवड़ यात्रा के दौरान आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. कहीं कोई अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर कांवड़ यात्रा पर निकल पड़ा है तो कोई अपनी बच्चियों को कांवड़ में बैठाकर गंगाजल लेने जा रहा है. इस गंगाजल से वो अपनों के साथ भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेगा. इस बीच एक कांवड़िया ऐसा भी मिला जो भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति लेकर कांवड़ यात्रा कर रहा है सावन में कांवड़ यात्रा के बीच मुजफ्फरनगर पहुंचे एक युवक का वीडियो चर्चा में है, जो अपने बूढ़े माता-पिता को कंधे पर बैठाकर निकला है. लोग उसे कलयुग का ‘श्रवण कुमार’ कह रहे हैं. वह हरिद्वार से गंगाजल लेकर मेरठ के लिए रवाना हुआ है. इस युवक का नाम बिट्टू है. बिट्टू मेरठ जिले के एक गांव का निवासी है. वह हर की पौड़ी से गंगाजल लेकर और अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर चल रहा है. बिट्टू करीब 180 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करेगा. उसके माता-पिता बेहद खुश हैं और उनका कहना है कि ऐसा ‘श्रवण कुमार’ सबके घरों में पैदा हो. मुजफ्फरनगर पहुंचे कांवड़िए बिट्टू ने कहा कि मैं मेरठ के गांव डेरी दोषाती जाऊंगा. दूरी लगभग 180 किलोमीटर है, इसलिए 12-13 किलोमीटर रोज चलता हूं. मैंने श्रवण कुमार के बारे में पढ़ा और सुना था. तभी मेरे मन में भी वैसा ही करने का ख्याल आया. सहारनपुर में भी कांवड़ यात्रा के दौरान अनोखा दृश्य देखने को मिला. यहां कांवड़िए अपने कंधे पर भगवान शिव की 2 से लेकर 6 फीट तक की मूर्ति लेकर यात्रा कर रहे हैं. इस यात्रा में कई ऐसे कांवड़िए शामिल हैं जो पहली बार कांवड़ लेने आए हैं, उनमें गजब का उत्साह और उमंग है. इन कांवड़ियों का कहना है कि रास्ते में सुरक्षा-व्यवस्था और साफ-सफाई काफी अच्छी है. सरकार द्वारा किए गए इन प्रबंधों से यात्रा और भी अच्छी हो गई है. वो झूमते-नाचते-गाते अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं. विभिन्न जगहों पर स्थानीय लोगों का भी बहुत सहयोग मिल रहा है.
