नई दिल्ली : कर्नाटक की सत्ता पर काबिज हुए कांग्रेस पार्टी को अभी एक महीना ही हुआ है कि उन्होंने बीजेपी द्वारा पास किए गए धर्मांतरण के कानून को रद्द करने का मन बना लिया है. कैबिनेट ने इसपर अपनी मुहर भी लगा दी है. जल्द ही इस बिल को विधानसभा के पटल पर रखने की तैयारी है. इस बिल का मुख्य फोकस धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण करना है और साथ ही गलत बयानी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन के द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाना है.
कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने स्कूलों और कॉलेजों में प्रेयर के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का फैसला किया है. इसके अलावा बताया गया कि कृषि उत्पाद बाजार समिति अधिनियम में संशोधन का भी निर्णय लिया है ताकि पुराने कानून को बहाल किया जा सके.
राज्य कैबिनेट ने स्कूलों और कॉलेजों में प्रेयर के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का फैसला किया है: कर्नाटक सरकार में मंत्री एच.के. पाटिल
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने पुराने कानून को वापस लाने के लिए राज्य में APMC अधिनियम में संशोधन करने का भी फैसला किया है। आज… pic.twitter.com/7zBSVl1pxO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 15, 2023