एक महिला पत्रकार की शिकायत मिलने के बाद केरल पुलिस ने अभिनेता से राजनेता बने सुरेश गोपी से बुधवार को पूछताछ की. दरअसल, पिछले महीने पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था. महिला पत्रकार ने उनके खिलाफ पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी.
सुरेश गोपी पुलिस से नोटिस मिलने के बाद बुधवार की सुबह करीब 11.45 बजे नादक्कवु पुलिस स्टेशन पहुंचे. जहां करीब तीन घंटे तक मलयाली अभिनेता से लंबी पूछताछ की गई. इस दौरान पुलिस ने घटना और शिकायत के बारे में उनसे सवाल जवाब किए.
दोपहर करीब 2.25 बजे जैसे ही वो अपनी कार में पुलिस स्टेशन से बाहर निकले, उन्होंने अपनी कार की छत से वहां जमा हुए भाजपा समर्थकों और उनके प्रशंसकों की भीड़ को संबोधित किया और उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा ताकि पुलिस के लिए कोई समस्या पैदा न हो. सुरेश गोपी ने जनता के प्यार और समर्थन के लिए राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेताओं का आभार भी जताया.
नादक्कवु पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि अभिनेता की गिरफ्तारी दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था. अधिकारी ने कहा कि जिन अपराधों में सजा सात साल से कम है, उनमें सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी करके आरोपी को गिरफ्तार किए बिना जाने की अनुमति दी जा सकती है.
पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि गोपी के बयान की रिकॉर्डिंग पूरी हो चुकी है और फिलहाल उन्हें दोबारा पेश होने के लिए नहीं कहा गया है. महिला पत्रकार की शिकायत और उसके आधार पर मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने अभिनेता को नादक्कवु पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए बुलाया था.
महिला पत्रकार ने घटना के एक वीडियो के साथ शहर के पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने आगे की कार्रवाई के लिए इसे स्थानीय पुलिस स्टेशन को भेज दिया था.
भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य एक वीडियो के सामने आने के बाद मुसीबत में पड़ गए, जिसमें वह विभिन्न पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान पत्रकार के कंधे पर अपना हाथ रखते हुए दिखाई दे रहे हैं. आरोप है कि उसी दौरान उन्होंने महिला पत्रकार को दो बार धक्का दिया था.
बुधवार को जब सुरेश गोपी से पूछताछ की जा रही थी और उनका बयान दर्ज किया जा रहा था, तब पुलिस स्टेशन के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं, समर्थकों और अभिनेता के प्रशंसकों की भीड़ जमा थी. जो सुबह लगभग 9 बजे से वहां जमा हुए थे. सभी का मानना था कि अभिनेता ने कोई गलत काम नहीं किया है. उन सभी ने कहा कि जब तक वह थाने से बाहर नहीं आएंगे तब तक वे नहीं जाएंगे.
इससे एक दिन पहले पार्टी के राज्य प्रमुख के सुरेंद्रन सहित केरल में वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने पुलिस कार्रवाई को “राजनीति से प्रेरित” बताया और इसके विरोध में पुलिस स्टेशन तक मार्च भी किया था. भाजपा नेताओं के साथ सैकड़ों पार्टी समर्थक भी थे. जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं, जो अभिनेता के समर्थन में तख्तियां लिए हुए थे.
केरल के पार्टी अध्यक्ष सुरेंद्रन ने कहा कि गोपी को तब “निशाना” बनाया गया जब उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के कथित “अन्याय और अवैधताओं” के खिलाफ बोलना शुरू किया. भाजपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि अभिनेता का “राजनीतिक शिकार” करोड़ों रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले में हस्तक्षेप करने के बाद शुरू हुआ. उन्होंने तर्क दिया, “यह सरकार और पिनाराई विजयन का एजेंडा है. अगर कार्रवाई वापस नहीं ली गई तो राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.”
नादक्कवु पुलिस स्टेशन के बाहर भाजपा समर्थकों और अभिनेता के प्रशंसकों की भारी भीड़ को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी. पुलिस स्टेशन के बाहर जमा लोगों और पुलिस के बीच मामूली झड़प की घटनाएं होने की सूचना भी है. क्योंकि पुलिस ने भीड़ को थाना परिसर में दाखिल होने से रोका था.
नादक्कवु पुलिस ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल में काम करने वाली पत्रकार की शिकायत के आधार पर पिछले महीने के अंत में आईपीसी की धारा 354 (एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया था. तीव्र आलोचना का सामना करने के बाद अभिनेता ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने पत्रकार के साथ केवल स्नेहपूर्ण व्यवहार किया था.