केरल की अदालत ने अलप्पुझा में दो साल पहले भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की हत्या के मामले में प्रतिबंधित इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े 15 दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। भाजपा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के नेता के मर्डर केस में कोर्ट ने इन्हें एक हफ्ते पहले ही दोषी करार दिया था। मामले में मावेलिक्कारा की अतिरिक्त जिला सत्र अदालत ने अब सजा का एलान किया है।
सजा का एलान अतिरिक्त जिला जज वीजी. श्रीदेवी की तरफ से किया गया। अभियोजन पक्ष ने मामले में दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की थी और कहा था कि सभी दोषी प्रशिक्षित हत्यारे हैं। जिस क्रूर तरह से इन लोगों ने पीड़ित को उसकी मां-पत्नी और बच्चों के सामने मारा, वह दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में आता है।
आरोप था कि 19 दिसंबर 2021 में भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवासन पर पीएफआई और ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। इस दौरान उनके घर में उन्हें परिवार के सामने ही बुरी तरह पीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना से कुछ पहले ही 18 दिसंबर की रात को एक गिरोह ने एसडीपीआई नेता केएस. शान की हत्या कर दी थी। घटना के समय वह अलप्पुझा में अपने घर लौट रहे थे। माना जा रहा था कि कट्टरपंथी भीड़ इससे गुस्सा गई और बदले में रंजीत की हत्या कर दी।
कोर्ट द्वारा सजा के एलान के बाद पीड़ित नेता के परिवार और भाजपा ने फैसले का स्वागत किया। फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्रीनिवासन के परिवार ने कहा कि वे इससे संतुष्ट हैं। श्रीनिवासन की पत्नी ने कहा, ‘‘यह एक असाधारण दुर्लभ मामला था और हमारा नुकसान बहुत बड़ा है। हम घटना की गहन और ईमानदार जांच करने के लिए अभियोजन और जांच अधिकारियों के प्रति आभार जताते हैं। उनकी मदद से ही दोषियों को अधिकतम सजा हुई।’’
विशेष अभियोजक प्रताप जी. पडिक्कल के मुताबिक, मामले में दोषी ठहराए गए कुल 15 में से 14 लोगों को आज अदालत में पेश किया गया। उन्होंने कहा कि बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने की वजह से एक दोषी को अदालत में पेश नहीं किया जा सका। हालांकि, जज ने मौखिक रूप से कहा कि सजा उस दोषी पर भी लागू होगी, जिसे आज पेश नहीं किया गया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, अदालत ने पाया कि 15 में से आठ (अभियुक्त संख्या एक से आठ) आरोपी सीधे हत्या में शामिल थे। अदालत ने चार अन्य लोगों को भी हत्या का दोषी पाया, क्योंकि वे अपराध में सीधे तौर पर शामिल लोगों के साथ घातक हथियार होकर घटनास्थल पर पहुंचे थे। उनका सीधा मकसद श्रीनिवासन को भागने से रोकना और उसकी चीखें सुनकर घर में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को रोकना था। कोर्ट ने उनकी इस दलील को स्वीकार किया कि दोषी आईपीसी की धारा 149 (गैरकानूनी रूप से जुटे लोगों के समूह का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के लिए किए गए अपराध के दोषी हैं) के तहत हत्या के साझा अपराध के लिए भी जिम्मेदार थे। अदालत ने इस अपराध की साजिश रचने वाले तीन लोगों को हत्या का दोषी पाया। नतीजतन अदालत ने इस मामले के सभी 15 आरोपियों को हत्या का दोषी पाया।
Kerala: केरल में भाजपा नेता की हत्या के मामले में बड़ा फैसला, PFI से जुड़े 15 दोषियों को फांसी की सजाhttps://t.co/Y4HajlTyWm pic.twitter.com/J4XSIkIcXN
— Shining India News (@shiningindnews) January 30, 2024