युद्धविराम थमते ही गाजा में इजरायली हमले से 178 लोगों की मौत….

अंतरराष्ट्रीय

गाजा पट्टी में एक सप्ताह (24 नवंबर से एक दिसंबर) चला युद्धविराम शुक्रवार सुबह खत्म हो गया। कुछ ही मिनटों बाद इजरायली लड़ाकू विमानों ने रफाह और दक्षिणी गाजा पर बमबारी की, जबकि तेल अवीव व इजरायल के कई शहरों पर हमास और इस्लामिक जिहाद ने राकेट दागे।

इजरायली ताजा हमलों से गाजा में 178 लोगों के मारे जाने और 589 के घायल होने की सूचना है जबकि इजरायली शहरों में हमलों से हुए नुकसान का पता नहीं चला है। वैसे हमास के ज्यादातर राकेटों को इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम ने आकाश में ही नष्ट कर दिया था।

इजरायल और हमास ने एक-दूसरे पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाया है। जबकि मध्यस्थता कर रहे कतर ने कहा है कि गाजा में शांति के लिए वह दोनों पक्षों से बात कर रहा है। इजरायली सेना ने युद्धविराम के बाद पहले दिन की लड़ाई में गाजा पट्टी के 200 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया है।

इस दौरान हमास के ठिकानों पर धरती, समुद्र और आकाश से हमले किए गए। युद्धविराम से पहले उत्तरी गाजा इजरायल के हवाई और जमीनी हमलों के केंद्र में था। अभी भी गाजा पट्टी का यह हिस्सा इजरायली सेना के कब्जे में है।

इजरायली सेना ने अब दक्षिणी गाजा पर हमले तेज करने का फैसला किया है। इसके लिए शुक्रवार को लड़ाकू विमानों से आमजनों के दक्षिणी गाजा का इलाका छोड़ने के लिए अरबी में लिखे पर्चे गिराए गए। यहां रहने वालों को मिस्र सीमा के नजदीक बसे रफाह शहर में जाने के लिए कहा गया है।

करीब पांच हफ्ते पहले उत्तरी गाजा में रहने वाले फलस्तीनी आमजनों को इसी तरह का संदेश देकर घर छोड़कर दक्षिणी गाजा जाने के लिए कहा गया था। उत्तरी गाजा से लाखों लोग पलायन कर दक्षिणी हिस्से में आए थे। एक अनुमान के अनुसार 23 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी के करीब 20 लाख लोग इस समय दक्षिणी हिस्से में रह रहे हैं।

उत्तरी गाजा में जमीनी लड़ाई चल रही है और वहां आने वालों को युद्धविराम के दौरान भी मौजूद इजरायली सेना रोक रही थी। इजरायली सेना से घिरी गाजा पट्टी में आमजन सुरक्षित रहने के लिए कहां जाएं, वे समझ नहीं पा रहे।