‘अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन धार्मिक भावनाओं..’, शर्मिष्ठा पनोली की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोलकाता HC की टिप्पणी

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की जमानत अर्जी पर कोलकाता हाई कोर्ट में आज मंगलवार को सुनवाई हुई. उन्हें एक वीडियो को लेकर गिरफ्तार किया गया है और इस वीडियो में शर्मिष्ठा ने कुछ बॉलीवुड सितारों की आलोचना की थी कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चुप्पी क्यों साध रखी है. हालांकि इस वीडियो को बाद में हटा दिया गया था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 जून को होगी, जिसमें राज्य सरकार एक हलफनामा दायर करेगी और पुलिस केस डायरी को कोर्ट के सामने पेश करेगी. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शर्मिष्ठा के वकील से कहा कि वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया और ऐसा सुनने में आया कि इससे एक खास वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं. बेंच ने कहा कि हमें अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं. अदालत ने कहा कि अगर सज़ा 7 साल से कम भी हो, तो भी पुलिस को किसी को भी गिरफ़्तार करने का पूरा अधिकार है. बेंच ने कहा कि अगर कथित अपराध की सज़ा 7 साल से कम है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस आपको गिरफ़्तार नहीं कर सकती. भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 35 की कोई भी शर्त पूरी होने पर पुलिस चाहे तो किसी को भी गिरफ़्तार कर सकती है, आपको पहले प्रावधान पढ़ने चाहिए.

हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसी टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि हमारे देश में विभिन्न समुदाय, जाति और धर्म के लोग एक साथ रहते हैं. कोर्ट ने तय किया है कि शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ कोलकाता के गार्डनरीच थाने में दर्ज केस को मुख्य मामला माना जाएगा क्योंकि यह पहले दर्ज किया गया था. उनके खिलाफ दर्ज अन्य सभी मामलों की कार्यवाही बंद की जाएगी.

कोर्ट ने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ उसी आरोप के साथ कोई और एफआईआर दर्ज न हो. एजेंसी आरोपी के खिलाफ मुख्य मामले की जांच करेगी. राज्य को हलफनामा दाखिल करने का मौका दिया जा रहा है क्योंकि वे जवाब और संबंधित दस्तावेज दाखिल करना चाहते थे. कोलकाता पुलिस से केस डायरी मांगी जा रही है, क्योंकि कोर्ट पहले केस डायरी देखना चाहता है. मामले की अगली सुनवाई 5 जून को होगी. शर्मिष्ठा पर आरोप है कि उन्होंने अपने वीडियो में एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और विवाद पैदा हो गया. इसी के चलते पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और गिरफ्तारी हुई है. शर्मिष्ठा पनोली को 30 मई की देर रात गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया और कोलकाता लाया गया, जहां उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया.

इसके बाद आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उनकी तरफ से जिस वीडियो के कारण विवाद शुरू हुआ था, उसे पनोली ने बाद में हटा दिया था और अपनी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी. हालांकि बाद में इस पर सियासी विवाद भी शुरू हो गया और बीजेपी खुलकर पनोली के समर्थन में आ गई है और राज्य की टीएमसी सरकार को कटखरे में खड़ा कर रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *