कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को कोलकाता रेप-मर्डर केस के विरोध में प्रदर्शन करने वाले छात्र सायन लाहिड़ी को रिहा करने का आदेश दिया है। उन पर बिना परमिशन के नबन्ना रैली निकालने का आरोप था। इसी रैली में हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों को इस मुद्दे को संवेदनशील तरीके से संभालना चाहिए था, न कि प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाकर उन्हें आंदोलन करने से रोकना चाहिए था। पुलिस को यह समझना चाहिए कि कोलकाता रेप मर्डर केस को लेकर लोगों में गुस्सा है। पश्चिम बंग छात्र समाज के कार्यकर्ताओं ने ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के विरोध में 27 अगस्त को प्रदर्शन किया था। ‘नबन्ना अभियान’ प्रदर्शन हिंसक हो गया था। जिसमें 100 से ज्यादा छात्र, 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने हिंसा के आरोप में सायन लाहिड़ी को गिरफ्तार किया था। इधर, कोलकाता रेप-मर्डर केस के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर TMC आज राज्य में विरोध-प्रदर्शन करेगी। CM ममता प्रदर्शन का नेतृत्व करेगी। TMC केंद्र सरकार से आरोपियों के लिए मौत की सजा का कानून पारित करने की मांग कर रही है।
लाहिड़ी की मां ने बेटे की गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्होंने कहा था कि उनका बेटा पश्चिम बंग छात्र समाज से जुड़ा नहीं है और न ही किसी रैली का नेतृत्व किया है। वह मेडिकल कॉलेज में हुई घटना से बहुत परेशान था। इसी वजह से बस छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुआ था। कोर्ट ने छात्र को रिहाई का आदेश देते हुए कहा कि अगर मेडिकल कॉलेज में घटना नहीं होती, तो पश्चिम बंग छात्र समाज का अस्तित्व ही नहीं होता। हजारों आम लोग विरोध रैली में शामिल हुए। याचिकाकर्ता के बेटे ने सक्रिय भूमिका निभाई होगी और अन्य प्रदर्शनकारियों की तुलना में थोड़ा अधिक मुखर रहा होगा। इसका यह मतलब नहीं है कि याचिकाकर्ता का बेटा रैली का नेता है।