कोलकाता रेप केस: जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिन के बाद आज ड्यूटी पर लौटेंगे…

राष्ट्रीय

पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स आज शनिवार 21 सितंबर से ड्यूटी पर लौटेंगे। वे इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं में आंशिक रूप से काम करेंगे। राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में भी जाएंगे। हालांकि, OPD में काम नहीं करेंगे। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के बाद डॉक्टर्स पिछले 42 दिनों से हड़ताल पर थे। उन्होंने 19 सितंबर को काम पर लौटने की घोषणा की थी। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना भी खत्म कर दिया है। दूसरी तरफ, CBI ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष के नार्को टेस्ट के लिए शुक्रवार, 20 सितंबर को सियालदह कोर्ट में याचिका लगाई। एजेंसी पूर्व ताला पुलिस स्टेशन प्रभारी अभिजीत मंडल का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराना चाहती है। संदीप घोष ने नार्को टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने घोष और अभिजीत मंडल की CBI हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी है। 23 सितंबर को नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर CBI की याचिका पर सुनवाई होगी।

CBI के एक अधिकारी ने बताया कि घोष जांच में मदद नहीं कर रहा है। एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया कि सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (CFSL) की रिपोर्ट ने उसके कुछ बयानों को भ्रामक करार दिया है। अगर नार्को टेस्ट की इजाजत मिली तो एजेंसी घोष को गुजरात ले जाने की योजना बना रही है। घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट पहले ही हो चुका है। CBI ने रेप-मर्डर केस में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में घोष और अभिजीत मंडल को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था। CBI ने घोष को मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता मामले में 16 अगस्त को हिरासत में लिया था। संदीप घोष ने 9 अगस्त को रेप-मर्डर की घटना के तीसरे दिन 12 अगस्त को प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। डॉक्टरों ने 19 सितंबर को कहा था कि पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति और हमारी कुछ मांगों पर राज्य सरकार की सहमत के कारण हमने आंशिक रूप से काम पर लौटने का फैसला किया है।

जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमारी मांग पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर, मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर और हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर को हटाया गया है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है। राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने और अस्पतालों में थ्रेट कल्चर खत्म करने की हमारी मांग अभी भी जारी है।