Sonam Wangchuk: लद्दाख के मशहूर पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने यूटी प्रशासन पर सोमवार (30 जनवरी, 2023) को हिरासत पर हिरासत में लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित क्षेत्र का प्रशासन उनकी आवाज को दबाना चाहता है। वहीं यूटी प्रशासन ने वांगचुक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। प्रशासन ने कहा कि वह खारदुंग ला में विरोध प्रदर्शन करना चाहता है, जिसकी अनुमति नहीं दी गई।
वांगचुक ने इंटरनेट मीडिया पर रविवार को एक वीडियो जारी किया था। जिसमें वांगचुक ने कहा था कि देशवासी 30 जनवरी को अपनी-अपनी जगह पर अनशन कर उनके अभियान को समर्थन दें। संविधान के छठे शेड्यूल को प्रभावी बनाकर लद्दाख के हितों के संरक्षण, ग्लेशियरों के पिघलने से पर्यावरण को हो रहे खतरे की ओर ध्यान दिलाने के लिए वांगचुक 26 जनवरी से लेह में माइनस 20 डिग्री तापमान में अनशन कर रहे हैं।
4th day of my #ClimateFast to #SaveLadakh under #6thSchedule of Indian constitution.
You all can join me tomorrow 30th Jan, last day of my fast. You can organise a 1 day fast in your area in solidarity with #Ladakh & ur own surroundings#climate #ILiveSimply pic.twitter.com/lYT9ngqR0b— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) January 29, 2023
56 साल के वांगचुक ने गुरुवार को लेह के फ्यांग में अपना पांच दिवसीय अनशन शुरू किया था, जहां रात का तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम है। उन्होंने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें घर में नजरबंद रखा गया।
बर्फ से आच्छादित पहाड़ों के बीच कंबल में लिपटे बांगचुक ने कहा था कि मैं घर में नजरबंद हूं यह वास्तव में इससे भी अधिक बुरा है। यदि आप घर में नजरबंद होते हैं तो आप साफतौर पर नियमों को जानते हैं और इसके खिलाफ कानूनी तरीके तलाश सकते हैं, लेकिन फिलहाल मुझे अपने संस्थान में रखा गया है और ‘मूवमेंट’ को रोक दिया गया है।
प्रशासन एक बांड पर साइन करने को मजबूर कर रहा: वांगचुक
वांगचुक ने आरोप लगाया था कि लद्दाख प्रशासन एक बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने एक कॉपी भी ट्वीट की थी, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह वह बांड है जिस पर उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए दस्तखत करने को कहा गया था कि वे एक माह तक कोई बयान नहीं देंगे या किसी सार्वजनिक बैठकों में भाग नहीं लेंगे।
वांगचुक ने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख की स्थापना की है, जिसके मैदान पर वे उपवास कर रहे हैं। वांगचुक पहले खारदुंग ला दर्रामें उपवास की योजना बना रहे थे, जहां तापमान -40 डिग्री सेल्यियस तक पहुंच जाता है। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रशासन उन्हें खारदुंग ला दर्रा पास पहुंचने से उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है।