ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक मालवाहक जहाज को हाईजैक कर लिया और उसके चालक दल को बंधक बना लिया. इस हाईजैक को अंजाम देने के लिए हूती विद्रोही बीच समंदर तैर रहे मालवाहक जहाज ‘गैलेक्सी लीडर’ पर हेलिकॉप्टर से उतरे. उन्होंने चालक दल के 25 सदस्यों को किडनैप करके पूरी शिप को ही अपने कब्जे में ले लिया और उसे लेकर यमन के एक बंदरगाह पर पहुंचे. हूती ने एक बयान जारी कर इस शिप हाईजैकिंग की जिम्मेदारी ली है.
हूती प्रवक्ता याह्या सारी ने एक बयान में कहा, ‘हमारे लड़ाकों ने लाल सागर में एक सैन्य अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप एक इजरायली जहाज को जब्त कर लिया गया और उसे यमनी तट पर ले जाया गया है. जहाज के चालक दल के साथ इस्लामिक नियमों और मूल्यों के अनुसार व्यवहार किया जा रहा है.’ हूती ने बार-बार धमकी दी थी की वह गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल की ‘क्रूर आक्रामकता’ के खिलाफ लाल सागर में तेल अवीव से संबंध रखने वाले जहाजों को निशाना बनाएगा.
हूती ने कहा कि उसने इजरायल से संबंध होने के कारण ‘गैलेक्सी लीडर’ नाम के जहाज का अपहरण किया और चालक दल के सदस्यों को बंधक बनाया. लेकिन इजरायल ने हूती के इन दावों को सिरे से नकार दिया. यहूदी राष्ट्र ने इस घटना के लिए ईरान को दोषी ठहराया और कहा कि हाईजैक किया गया जहाज का संबंध इजरायल से नहीं है. इजरायल रक्ष बल ने एक बयान में ‘गैलेक्सी लीडर’ के अपहरण की निंदा करते हुए इसे ‘वैश्विक स्तर पर बहुत गंभीर घटना’ बताया.
इजरायल ने ईरान पर मढ़ा ‘गैलेक्सी लीडर’ के अपहरण का दोष
आईडीएफ ने कहा कि जहाज एक ब्रिटिश कंपनी के तहत पंजीकृत है, जिसका स्वामित्व आंशिक रूप से इजरायली टाइकून अब्राहम उंगर के पास था. लेकिन उन्होंने इस जहाज को एक जापानी फर्म को लीज पर दे दिया था. इजरायली सेना के अनुसार, जहाज तुर्किये से भारत जा रहा था और इसमें एक भी इजरायली नागरिक नहीं मौजूद था. शिप के 25 क्रू मेंबर्स में यूक्रेन, बल्गेरिया, फिलिपिंस और मैक्सिको सहित अन्य देशों के नागरिक शामिल हैं. आईडीएफ ने हूती विद्रोहियों द्वारा जहाज के अपहरण के लिए सीधे तौर पर ईरान को दोषी ठहराते हुए जोर देकर कहा कि यह इजरायली कार्गो शिप नहीं है.
हूती विद्रोही समूह क्या है?
हूती एक जैदी शिया मुस्लिम विद्रोही संगठन है, जो 1990 के दशक में हुसैन बदरेद्दीन अल-हूती के नेतृत्व में, पूर्व यमनी राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के विरोध के रूप में उभरा. हऊसी या हूसी जिसे हिंदी में हाउती या हूती कहा जाता है, यमन का अल्पसंख्यक शिया समुदाय है. यमन में सुन्नी जनसंख्या लगभग 60 प्रतिशत और शिया आबादी 35 प्रतिशत है. हूती स्वयं को ‘अंसार अल्लाह’ (अल्लाह के समर्थक) के नाम से प्रतिष्ठित किये हुए हैं. हूती शियाओं में भी अल्पसंख्यक समूह है. इन्होंने अपने संगठन का नाम बदरेद्दीन अल-हूती के नाम पर रखा है.
हूती विद्रोही यमन में गृह युद्ध लड़ रहे हैं
हूती समूह सुन्नी-प्रभुत्व वाली सरकार का विरोधी है और 2004 से यमनी सरकार के साथ छह युद्ध लड़ चुका है. हुसैन बदरेद्दीन अल-हूती के नेतृत्व में इस समूह ने 2004 में अब्दुल्ला सालेह सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था और उसी वर्ष सितंबर में यमनी सेना द्वारा बदरेद्दीन अल-हूती मारा गया. अब इस समूह का नेतृत्व अब्दुल मलिक अल-हूती के पास है. हूती विद्रोही समूह ने 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और वहां की चुनी हुई सरकार को निर्वासन के लिए मजबूर कर दिया. तब से, वे सऊदी के नेतृत्व वाले सुन्नी अरब देशों के गठबंधन के खिलाफ गृह युद्ध लड़ रहे हैं.