विजय देवरकोंडा की ‘लाइगर’ एक बार फिर मुश्किलों में फंसती नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो निर्देशक पुरी जगन्नाथ और सह-निर्माता चार्मी कौर पर फिल्म में ब्लैक मनी का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने 17 नवंबर को पुरी जगन्नाथ और चार्मी से लाइगर की आय के स्रोतों के बारे में जानने के लिए 15 घंटे तक पूछताछ की। हालांकि, अब तक इस खबर की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म को प्रोड्यूस करने के लिए विदेश से पैसा मंगवाया गया था। बता दें कि 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत फिल्म बनाने के लिए विदेशी स्रोत का इस्तेमाल करना अपराध माना जाता है। यही कारण है कि ईडी ने निवेशकों की पहचान की पुष्टि करने के लिए पुरी जगन्नाथ और चार्मी को समन किया था।
मीडिया हाउस को मिली जानकारी के मुताबिक, “ईडी के अधिकारी उस कंपनी या व्यक्तियों का नाम जानना चाहते थे, जिन्होंने फिल्म के लिए पैसे दिए हैं। उन्हें विश्वास है कि फिल्म के लिए इस्तेमाल किया गया पैसा विदेश से आया है। वह इस बात की जांच करने की कोशिश कर रहे हैं कि इस फिल्म के लिए प्राप्त की गई फंडिंग में किसी भी तरह फेमा का उल्लंघन तो नहीं किया गया।” इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि फिल्म को फंड करने के लिए राजनेताओं ने अपने काले धन का इस्तेमाल किया है।
टॉलीवुड अभिनेता रवि तेजा, तरुण, नवदीप, सुब्बा राजू, कैमरामैन श्याम के नायडू, निर्देशक चिन्ना, अभिनेत्री मुमैत खान आदि से ड्रग मामले में पूछताछ की गई। टॉलीवुड के सूत्रों ने कहा कि पुरी जगन्नाध और चार्ममे ने भारी रिटर्न की उम्मीद में लिगर में लगभग 120 करोड़ रुपये का निवेश किया था, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फेल हो गई।