लखनऊ पुलिस ने नकली नोट छापकर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। लखनऊ पुलिस के मुताबिक नकली नोट छापने वाले गिरोह के सदस्य आस-पास के जिलों में नोटो बदलने का काम करते है। गिरोह के लोग 20 हजार असली रुपए लेकर 1 लाख के नकली नोट देते थे। डीसीपी नॉर्थ की क्राइम ब्रांच व मड़ियांव थाने की पुलिस नकली नोट छापने की जांच कर रही है।
सोशल मीडिया के जरिए नोट का करते थे एक्सचेंज
डीसीपी नॉर्थ की क्राइम ब्रांच व मड़ियांव थाने की पुलिस नकली नोट छापने गिरोह के बारें बताया कि ये लोग 20 हजार रुपये में एक लाख रुपये के जाली नोट देते थे। गिरोह के सभी सदस्य नोट बदलने का काम सोशल मीडिया के जरिये करते थे। गिरोह के सरगना ने दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, यूपी, हिमाचल, गुजरात और पश्चिम बंगाल में नेटवर्क फैला रखा है।
दो युवक निकले जाली नोट छापने के सरगना
लखनऊ पुलिस ने नकली नोट छापकर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते बताया कि 2 युवक नकली नोट छापने का गिरोह चला रहे थे। पुलिस के अनुसार दोनों शख्स दिल्ली व बाराबंकी के निवासी है। पुलिस के मुताबिक गिरोह का दिल्ली वाला सरगना पांच साल पहले इसी तरह के मामले में जेल जा चुका है।
3 लाख के जाली नोट किए बरामद
डीसीपी नॉर्थ की क्राइम ब्रांच व मड़ियांव थाने की पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह के पास से तीन लाख के जाली नोट बरामद किया। आरोपी दिल्ली और कानपुर के रहने वाले हैं।
पुलिस ने पांच लोगो को किया गिरफ्तार
मडियांव थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना पर घैला पुल के पास HONDA AMAZE गाड़ी से प्रतापगढ़ अंतू मौरहा निवासी विकास दुबे, इटौंजा नरायणपुर निवासी विकास सिंह और नई दिल्ली अलीपुर निवासी विकास भारद्वाज को गिरफ्तार किया है। इनकी निशान देही पर विभूतिखंड स्थित पार्क व्यूइन होटल से गोंडा कौड़िया बाजार निवासी रवि प्रकाश पांडेय और बाराबंकी कोठी निवासी उत्कर्ष द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया।।
दरअसल, ये लोग नकली करेंसी छापकर असली के रूप में मार्केट में चलाने वाले अन्तर्जनपदीय गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 3.20 लाख रुपये के नकली नोट, उन्हें छापने के उपकरण भी बरामद हुए हैं।