मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ‘विवादित’ भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी है. हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि एएसआई भोजशाला की ऐतिहासिकता का वैज्ञानिक और तकनीकी सर्वेक्षण करे. अदालत ने कहा कि एएसआई के महानिदेशक या अतिरिक्त महानिदेशक के नेतृत्व में एएसआई के पांच या अधिक वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार सर्वेक्षण पर एक डॉक्यूमेंटेड रिपोर्ट छह हफ्ते के अंदर अदालत को सौंपे. जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और देवनारायण मिश्रा की पीठ ने अपने आदेश देते हुए कहा कि एक्सपर्ट कमेटी दोनों पक्षकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सिस्टम सहित सभी उपलब्ध वैज्ञानिक तरीकों के साथ परिसर के पचास मीटर के दायरे में समुचित स्थानों पर जरूरत पड़ने पर खुदाई करा कर सर्वेक्षण करे.
अदालत ने कहा कि परिसर में कार्बन डेटिंग विधि द्वारा एक विस्तृत वैज्ञानिक जांच की जानी चाहिए, जिससे जमीन के ऊपर और नीचे दोनों तरह की संरचनाएं कितनी पुरानी हैं और उनकी उम्र का पता लगाया जा सके. अदालत ने यह भी कहा कि सर्वेक्षण ये कार्यवाही दोनों पक्षों को दो प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की जाए और इसकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है. साथ ही कोर्ट ने ASI को 29 अप्रैल से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.