महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि बुधवार को मराठा आरक्षण पर हुए सर्वदलीय बैठक में सभी दल इस पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह तय किया गया कि आरक्षण को कानून की सीमा में ही दिया जाएगा और इसके प्रावधान इस तरह होंगे कि किसी दूसरे समुदाय के साथ नाइंसाफी न हो.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था पहले लागू किया आरक्षण
सीएम शिंदे ने कहा कि पहले मराठा समाज को जो आरक्षण दिया गया था उसे सुप्रीम कोर्ट ने खामियों और कमियों के कारण रद्द कर दिया. सीएम ने कहा कि उस पर ध्यान दिया जाएगा और उसमें सुधार किया जाएगा. शिंदे के अनुसार क्यूरेटिव पिटीशन की सुनवाई में राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए मजबूत पक्ष रखेगी.
सीएम शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रदर्शनकारियों को सरकार को कुछ समय देने और प्रशासन के साथ सहयोग करने की जरूरत है.
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक की समाप्ति के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई. उन्होंने कहा किराज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है. कई जगहों पर भड़की हिंसा पर सभी दलों के नेताओं ने गहरी चिंता जताई. सभी दलों के नेताओं ने स्थिति से सख्ती से निपटने का प्रस्ताव पारित किया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के कारण विरोध को भटकाया जा रहा है और बदनाम किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आम आदमी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.
मराठा आरक्षण के समर्थन में बीड, जालना समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें आ रही है. बुधवार को कुछ तत्वों ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री हसन मुश्रीफ की काफिले की कार में तोड़-फोड़ की.
इधर नागपुर में आज मराठा समाज के लोगों ने एक साथ सामूहिक मुंडन किया और एक बार फिर अपने लिए आरक्षण की मांग की. वहीं महाराष्ट्र के हिंगोली में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर और एक आत्महत्या की खबर सामने आई है. यहां वसमत तहसील इलाके के अकोली गांव में लिंबाजी धोंडीबा कदम (उम्र-47) नाम के शख्स ने पेड़ सें कूदकर जान दी है.