महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की पहली डिमांड सामने आई है पार्टी ने गृह मंत्रालय की मांग की है. शिंदे सेना के नेता संजय शिरसाट का कहना है कि महाराष्ट्र की नई सरकार में शिवसेना को गृह विभाग मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि गृह विभाग (आमतौर पर) उपमुख्यमंत्री के पास होता है.
संजय शिरसाट ने कहा, ‘यह सही नहीं होगा कि मुख्यमंत्री गृह विभाग का नेतृत्व करें. शिंदे को महायुति सरकार का चेहरा बनाने से बीजेपी को निश्चित तौर पर फायदा हुआ है. भाजपा या राकांपा मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों को शांत करने में शामिल नहीं थे. यह शिंदे ही थे जिन्होंने इसकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी. उन्होंने मराठा आरक्षण भी दिया, इसलिए उनके लिए समर्थन कई गुना बढ़ गया. एकनाथ शिंदे ही थे जिन्होंने मराठवाड़ा में सबसे ज्यादा रैलियां कीं.’ एकनाथ शिंदे के मुंबई में महायुति की बैठक रद्द कर दिल्ली से सीधे सतारा में अपने पैतृक गांव जाने के बाद ऐसी अटकलें थीं कि वह गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर बने गतिरोध से नाराज हैं शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इन दावों को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि पार्टी प्रमुख अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, इसलिए अपने गांव गए हैं. शिवसेना ने यह भी कहा कि सरकार गठन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए शनिवार को बैठक होने की संभावना है कैबिनेट और मुख्यमंत्री पद पर अंतिम निर्णय नहीं होने के साथ, राज्य के गृह मंत्री और सामान्य प्रशासन विभाग को लेकर भाजपा-शिवसेना के बीच खींचतान चल रही है एकनाथ शिंदे इसी शर्त पर मुख्यमंत्री पद बीजेपी को देना चाहते हैं, जब उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ गृह मंत्रालय उनकी पार्टी को मिले. पिछली सरकार में भी देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री होने के साथ गृह मंत्री भी थे. इससे पहले, शिंदे के सहयोगी और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने संकेत दिया था कि कार्यवाहक सीएम शायद डिप्टी सीएम पद स्वीकार नहीं करेंगे.
हालांकि, उदय सामंत ने शुक्रवार को कहा था कि सभी शिवसेना विधायकों ने मिलकर एकनाथ शिंदे को संदेश दिया है कि वे चाहते हैं कि वह उपमुख्यमंत्री बनें. सामंत ने कहा, ‘हमारे नेता एकनाथ शिंदे का सरकार में शामिल रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने लाडली बहन योजना शुरू की थी. इसलिए सरकार में उनकी मौजूदगी अहम है