सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं महुआ मोइत्रा, लोकसभा से निष्कासन को दी चुनौती

राष्ट्रीय

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा लोकसभा से अपने निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं हैं। उन्होंने अपने निलंबन को चुनौती दी है। कैश फॉर क्वैरी मामले में आरोप लगने के बाद एथिक्स कमेटी ने मामले की जांच कर लोकसभा अध्यक्ष को इसकी रिपोर्ट सौंपी थी। शुक्रवार को सदन ने उन्हें निष्कासित कर दिया।

महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप लगे थे। इस पूरे मामले की शुरुआत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से हुई। निशिकांत दुबे ने ये आरोप महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत देहाद्रई की शिकायत के आधार पर लगाए। निशिकांत दुबे ने पत्र लिखकर लोकसभा अध्यक्ष से जांच की मांग की थी। विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक में ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ के आरोप पर महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की थी।

जांच में सामने आया है कि महुआ मोइत्रा की संसद की आधिकारिक आईडी का लॉगइन और पासवर्ड बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को दे दिया गया। कमेटी ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा पाया। कमेटी ने अपनी जांच में महुआ मोइत्रा को दोषी पाया और लोकसभा अध्यक्ष से मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने की मांग की। महुआ मोइत्रा टीएमसी के टिकट पर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंची थीं। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट से बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।