मालदीव और भारत के रिश्ते पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहे। मालदीव के मंत्रियों द्वारा पीएम मोदी और भारत पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों के बाद रिश्तों और खराब हो गए। मालदीव सरकार ने तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर हालात को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन अब चीन दौरे से आने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर भी बदल गए हैं। उन्होंने कहा है कि हम भले ही छोटे हों, लेकिन आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है।
चीन के पांच दिवसीय दौरे से लौटने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू प्रेस को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उनसे एक सवाल किया गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ”हम छोटे हो सकते हैं लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है।” मुइज्जू ने भले ही किसी भी देश का नाम नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने यह बयान भारत को लेकर दिया है।
पिछले दिनों पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था। इसके बाद उनकी वहां की कई तस्वीरें सामने आई थीं, जिसके बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स जनता से पर्यटन के तौर पर लक्षद्वीप को मालदीव की जगह ज्यादा अहमियत देने की अपील कर रहे थे। इसी दौरान, मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी, जिसका भारत ने कड़ा विरोध जताया। बैकफुट पर जाते हुए मालदीव सरकार ने आनन-फानन में तीनों मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को सस्पेंड कर दिया था। मालदीव सरकार ने इनकी टिप्पणियों को निजी कॉमेंट बताते हुए पल्ला भी झाड़ा था।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भी भारत के खिलाफ घृणित भाषा के इस्तेमाल की निंदा की थी। सोलिह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत हमेशा मालदीव का अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।” मालदीव की सरकार ही नहीं, बल्कि वहां के कई विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता से कार्रवाई करने की मांग की थी। मालूम हो कि हर साल बड़ी संख्या में भारतीय टूरिस्ट मालदीव की यात्रा करते हैं, जिससे मालदीव की आर्थिक रूप से भी मदद होती है।