लालू हैं लैंड फॉर जॉब स्कैम के मास्टरमाइंड, चार्जशीट में ED का दावा…

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ED ने दावा किया कि लैंड फॉर जॉब मामले में मुख्य साजिशकर्ता पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ही हैं। ED ने यह दावा शुक्रवार को दायर अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में किया। साथ ही दावा किया गया है कि रेलवे में नौकरी और उसके बदले जमीन का लेनदेन खुद लालू यादव ही तय करते थे. चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि तत्‍कालीन रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नामपर लोगों से रिश्‍वत के तौर पर प्‍लॉट लिए थे. ईडी की चार्जशीट के बाद लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.

चार्जशीट में ED ने दावा किया कि तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर लैंड प्‍लॉट लिए थे. आरोप है कि अपराध से अर्जित ज़मीन पर लालू यादव के परिवार का क़ब्ज़ा है. ED का आरोप है कि लालू यादव ने घोटाले की साज़िश इस तरह से रची कि अपराध से अर्जित ज़मीन पर कंट्रोल तो उनके परिवार का हो लेकिन ज़मीन सीधे इनसे और परिवार से लिंक न हो पाए. चार्जशीट के मुताबिक, प्रोसीड ऑफ़ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय को खपाने के लिए कई शैल कंपनियां खोली गई थीं और जमीनें उनके नाम पर करवाई गई थीं. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि रेलवे में नौकरी और उसके एवज में रिश्वत के तौर पर ज़मीन लेना दोनों लालू प्रसाद यादव ख़ुद तय कर रहे थे. इसमें उनका साथ परिवार और उनके करीबी अमित कात्याल दे रहे थे.

प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि रिश्वत के तौर पर ली गई कई लैंड प्‍लॉट ऐसे थे, जो लालू प्रसाद यादव के परिवार की ज़मीन के ठीक बराबर में थे. इन प्‍लॉट्स को कौड़ियों के दाम पर खरीदा गया था. अपराध से अर्जित आय के जरिये लालू के परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों के पास करीब 7 प्‍लॉट आए जो पटना के महुआ बाग में स्तिथ हैं. ईडी ने दावा किया है कि इनमें से चार ज़मीन के टुकड़े अपरोक्ष और परोक्ष रूप से राबड़ी देवी से जुड़ी हुई हैं. चार्जशीट में दावा किया गया है कि रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव का दानापुर के महुआ बाग गांव से पुराना नाता है, क्योंकि ये पटना के राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पास स्थित है