नहीं सुनाई कुरान की आयत तो मौलवी ने छात्र की कर दी ऐसी हालत!

राष्ट्रीय

हांगकांग के एक मदरसे में कुरान की आयत न पढ़ पाने के कारण मौलवी ने एक छात्र को इतनी बेरहमी से थप्पड़ मारा कि उसकी आंख बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. बुधवार को 13 वर्षीय छात्र के आंख की पहली सर्जरी की गई जिसमें डॉक्टरों को छह घंटे लग गए. डॉक्टरों का कहना है कि छात्र के आंख का कॉर्निया बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है जिसे ठीक करने के लिए छह महीने बाद दोबारा सर्जरी करनी पड़ेगी.

इसके बाद हांगकांग के मुस्लिम काउंसिल ने मदरसों में छात्रों के साथ दुर्व्यवहार को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने और एक आचार संहिता लागू करने का वादा किया है.

इस्लामिक संस्था ने इस मामले का खुलासा होने के एक दिन बाद गुरुवार की रात को इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए कई उपाय करने का वादा किया है. पीड़ित छात्र के परिवार ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी है. परिवार ने पुलिस को बताया कि छात्र कुरान की एक आयत नहीं सुना पाया जिससे गुस्साए मौलवी ने उसे ऐसे थप्पड़ मारा कि उसकी आंख बुरी तरह जख्मी हो गई.

इस्लामिक परिषद ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि इस घटना से मुस्लिम समुदाय को बड़ी सीख मिलेगी और परिषद किसी भी प्रकार के बाल दुर्व्यवहार को रोकने के लिए कड़ा रुख अपनाएगा. परिषद ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए वो पांच दीर्घकालिक उपायों का प्रस्ताव पेश करेगा.

प्रस्तावित योजनाओं के अनुसार, मौलवियों को ऐसे मामलों पर ट्रेनिंग दी जाएगी और वो एक आचार संहिता दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे. परिषद ने पोस्ट में कहा, ‘बच्चों की भलाई, माता-पिता की मानसिक शांति और मदरसों की अखंडता की रक्षा के लिए मदरसों में कैमरे लगाए जाएंगे.’

परिषद ने माता-पिता से आग्रह किया कि वो इस तरह की घटनाओं को दबाने के बजाए रिपोर्ट करें. बच्चों से इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया गया.

‘मुसलमान होने के नाते….’

परिषद के संस्थापक और अध्यक्ष अदील मलिक ने शुक्रवार को हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया कि धार्मिक संस्था न केवल बच्चे को न्याय दिलाने के लिए लड़ रही है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रही है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

उन्होंने कहा, ‘मुसलमान होने के नाते हम इसे दबाना नहीं चाहते, हम चाहते हैं कि जब ऐसा कुछ हो तो लोग खुलकर बोलें.’

मलिक ने मुसलमानों से आग्रह किया कि अगर किसी छात्र को पीटा जाता है तो माता-पिता अधिकारियों को इस बारे में सूचित करें. उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि, इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं फिर भी हमें इनके बारे में अधिकारियों को बताने की जरूरत है. पीड़ित को इस बात से डरने की जरूरत नहीं कि अगर उसने मौलवी के खिलाफ आवाज उठाई तो उसे बुरा समझा जाएगा. हमेशा कुछ लोग बुरे होते ही हैं जो किसी समुदाय की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं लेकिन हमें उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए.’

‘धार्मिक शिक्षा देते समय दंड देना अपराध’

लड़के ने बीते रविवार की रात अपने माता-पिता को बताया कि उसे बाएं आंख में दर्द हो रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे उसके आस-पास कुछ उड़ रहा है. इसके बाद छात्र का परिवार अगली सुबह उसे अस्पताल ले गया.

आंख के डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि छात्र के बाएं आंख में रेटिना पर गहरी चोट लगी है जिसे ठीक करने के लिए दो सर्जरी करनी पड़ेगी. एक सर्जरी बुधवार को हुई जबकि दूसरी सर्जरी छह महीने बाद होनी है.

छात्र अभी अस्पताल में ही है. शहर के सबसे बड़े इमाम मुफ्ती मुहम्मद अरशद ने छात्र की पिटाई की निंदा की. उन्होंने कहा कि धर्म की शिक्षा देते समय शारीरिक दंड देना एक अपराध है. अरशद ने कहा, ‘पाकिस्तान में इस तरह के धार्मिक मदरसों में बच्चों को पीटना आम बात थी. लेकिन हाल के वर्षों में काफी जागरूकता आई है और अब इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.’

फरवरी 2021 में पाकिस्तान के मदरसों में बच्चों को पीटने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हांगकांग में भी धार्मिक संस्थानों और स्कूलों में बच्चों को पीटना एक अपराध है.