कर्नाटक के चिक्कमगलुरु में एक नाबालिग लड़की ने नवजात को जन्म दिया है. दरअसल 10वीं क्लास की एक लड़की ने कथित तौर पर नवजात को सरकारी छात्रावास में जन्म दिया है. इस मामले को लेकर दलित संगठनों की मांग है कि हॉस्टल वार्डन को बर्खास्त किया जाए और वार्डन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए.
दलित संगठनों का आरोप है कि बच्ची ने सरकारी छात्रावास में जन्म दिया है. संगठन इसे लेकर लगातार हॉस्टल प्रशासन पर हमलावर है.
दलित संगठन के एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘यह बात सामने आई है कि PUC में पढ़ने वाली एक लड़की ने चिक्कमगलुरु के एक सरकारी हॉस्टल वार्ड में बच्चे को जन्म दिया है. ये समस्या तब पैदा होती है जब आपके पास महिला छात्रावास में पुरुष वार्डन होता है. सरकार को जिला समाज अधिकारी को पद के लिए अनुपयुक्त समझना चाहिए. बालिका को तीन माह में एक बार चिकित्सा जांच के लिए ले जाना चाहिए था. पकड़े जाने के डर से उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्हें नौकरी से निकाल देना चाहिए.’
सूरत से भी सामने आया ऐसा ही मामला
इससे पहले गुजरात के सूरत शहर से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था. दरअसल सूरत में 15 वर्षीय एक लड़की ने एक नवजात बच्चे को जन्म दिया और उस नवजात को एक बिल्डिंग से फेंक दिया. नवजात की मौत के आरोप में लड़की को हिरासत में लिया गया. शुरुआती जांच में पता कि लड़की के 20 साल के एक युवक के साथ संबंध थे.
नवजात को दिया जन्म फिर कर दिया मर्डर
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक सागर बागमार ने जानकारी दी कि शहर के मगदल्ला इलाके में लोगों ने एक घायल नवजात को सड़क पर पड़ा देखा. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जांच में खुलासा हुआ कि नवजात को एक इमारत से फेंका गया था और सीसीटीवी फुटेज में भी इसकी पुष्टि हुई है.
उस लड़की के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 315 (बच्चे को जिंदा पैदा होने से रोकने या उसके जन्म के बाद उसकी मौत का कारण बनने के इरादे से किया गया कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है. डीसीपी ने कहा कि 20 वर्षीय युवक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.