प्राचीन मंदिर के नीचे दिखा ‘चमत्कार’! विशेषज्ञों को ऐसा क्या मिला?

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प्राचीन समय में बने मंदिरों और अन्य इमारतों की खुदाई में ऐसी चीजें मिल जाती हैं, जिन्हें देखकर आंखों पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है. कुछ ऐसा ही यहां देखने को मिला. एक प्राचीन शहर में बने मंदिर के नीचे जब खुदाई की गई तो पुरातत्वविदों के होश उड़ गए. उन्हें जो दिखा, उसे वो चमत्कार मानते हैं. ये खोज मिस्र में हुई है. यहां प्राचीन खंडहर शहर तपोसिरिस मैग्ना में एक मंदिर के नीचे पुरातत्वविदों ने एक विशाल सुरंग की खोज की है, जिसे विशेषज्ञों ने ‘ज्यामितीय चमत्कार’ कहा है.

मंदिर में चल रही खुदाई के दौरान डोमिनिकन गणराज्य की सैंटो डोमिंगो यूनिवर्सिटी की कैथलीन मार्टिनेज और उनकी टीम ने जमीन से 13 मीटर (43 फीट) नीचे इस संरचना की खोज की. यहां 2 मीटर लंबी सुरंग बलुआ पत्थर से बनाई गई थी. मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय के मुताबिक, सुरंग का डिजाइन यूपलिनोस की 1306 मीटर लंबी सुरंग के समान है. यह ग्रीस के द्वीप पर बना एक जलसेतु है, जिसे अक्सर इंजीनियरिंग का चमत्कार कहा जाता है. तापोसिरिस मैग्ना में मिली इस सुरंग को भी इंजीनियरिंग का चमत्कार कहा जा रहा है.

सुरंग का इस्तेमाल किसलिए होता था, इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है. हालांकि इसके कुछ हिस्से पानी में डूबे हुए मिले. मार्टिनेज तपोसिरिस मैग्ना में 2004 से काम कर रही हैं. वो यहां क्लियोपेट्रा VII की खोई हुई कब्र की तलाश में हैं. अब सुरंग को एक उम्मीद भरा सुराग मानती हैं. तपोसिरिस मैग्ना की स्थापना 280 ईसा पूर्व के आसपास टॉलेमी द्वितीय द्वारा की गई थी, वो सिकंदर के प्रसिद्ध जनरल के बेटे और क्लियोपेट्रा के पूर्वजों में से एक थे. इस टीम का मानना ​​है कि ये मंदिर भगवान ओसिरिस और उनकी रानी आइसिस को समर्पित था. इस देवता के साथ क्लियोपेट्रा का मजबूत रिश्ता था.