मध्य प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला थोड़ी देर में हो जाएगा. प्रदेश की राजधानी भोपाल में विधायक दल की बैठक जारी है. इस बैठक में विधायक दल के नेता के नाम पर मुहर लग जाएगी. इस बैठक से पहले नवनिर्वाचित विधायकों का एक फोटो सेशन हुआ. उधर, बीजेपी कार्यालय के बाहर प्रह्लाद पटेल और शिवराज सिंह चौहान के समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं प्रह्लाद पटेल के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
बीजेपी आलाकमान ने पर्यवेक्षकों की टीम भोपाल भेजी है. पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, आशा लाकड़ा और के लक्ष्मण आज सुबह पौने ग्यारह बजे भोपाल पहुंचे थे. मध्य प्रदेश में शिव का ही राज होगा या सूबे को नया मुख्यमंत्री मिलेगा? इसका फैसला थोड़ी देर बाद हो जाएगा. लेकिन उससे पहले हलचल बढ़ गई है.
मुख्यमंत्री की रेस में सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और वीडी शर्मा के नाम शामिल हैं. तमाम सवालों और कयासों के बीच भोपाल में हलचल बढ़ गई है. विधायक दल की बैठक के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही सभी पर्यवेक्षक भोपाल के बीजेपी कार्यालय पहुंच गए हैं अटकलों का दौर भी तेज हो गया है. भोपाल पहुंचते ही मनोहरलाल खट्टर और अन्य पर्यवेक्षक सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और सीएम शिवराज से मुलाकात की. खट्टर और शिवराज, दोनों ही नेताओं के चेहरे पर मुस्कान थी जिसके मीन-मेख निकाले जा रहे हैं.
सीएम शिवराज और खट्टर की मुस्कराती तस्वीरों पर चर्चा के बीच केंद्रीय मंत्री रहते विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए प्रह्लाद पटेल के आवास पर भी हलचल बढ़ गई है. प्रह्लाद पटेल के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हलचल अन्य दावेदारों की दावेदारी को लेकर भी है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी सीएम की रेस में शामिल माना जा रहा है वहीं, चर्चा कैलाश विजयवर्गीय के नाम को लेकर भी हो रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हाल ही में विजयवर्गीय से मुलाकात की थी. चुनाव प्रचार के दौरान भी विजयवर्गीय ने कहा था कि केवल विधायक बनने नहीं आया हूं. अब विजयवर्गीय जो बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे, क्या वह सीएम है?
मध्य प्रदेश के नए सीएम की रेस में वीडी शर्मा और नरेंद्र सिंह तोमर की दावेदारी भी मजबूत बताई जा रही है. वीडी शर्मा एबीवीपी के जरिए सियासत में आए थे. बीजेपी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी थी लेकिन पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते जीत की क्रेडिट वीडी शर्मा को भी दी जा रही है. वहीं, नरेंद्र सिंह तोमर भी ग्वालियर चंबल रीजन में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. तोमर की शीर्ष नेतृत्व से करीबी भी जगजाहिर है. हालांकि, दोनों ही सामान्य वर्ग से आते हैं.
कहा ये भी जा रहा है कि जातिगत जनगणना की मांग, ओबीसी पॉलिटिक्स के दौर में बीजेपी किसी सामान्य वर्ग के नेता को सीएम बनाने का रिस्क लेगी, ऐसा लगता नहीं है. इसके पीछे लोकसभा चुनाव करीब होने को प्रमुख वजह बताया जा रहा है. अगर अटकलों के मुताबिक बीजेपी किसी ओबीसी नेता को ही सीएम बनाने का दांव चलने के मूड में है तो सीएम के लिए शिवराज सिंह चौहान और प्रह्लाद पटेल के बीच ही मुख्य मुकाबला हो सकता है. हालांकि, बीजेपी नेतृत्व चौंकाता भी रहा है.