कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में शामिल होने आरोप लग रहे हैं। इसी मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दल BJP और JDS के विधायकों ने विधानसभा भवन में रातभर धरना दिया। BJP की तरफ से जारी एक वीडियो में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक समेत अन्य नेता असेंबली में सोते नजर आ रहे हैं। विपक्ष का कहना है MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के अन्य लोगों का नाम भी शामिल है। उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान इस पर चर्चा की मांग की थी। अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस सरकार, CM और विधानसभा स्पीकर यूटी खादर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। विपक्षी दलों का कहना है कि वे गुरुवार को भी विरोध जारी रखेंगे। विपक्षी दलों का कहना है कि MUDA घोटाले में शक की सुई राज्य के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के परिवार की तरफ इशारा कर रही है। उन्होंने मामले में जांच में गड़बड़ी के भी आरोप लगाए। साथ जांच के लिए बनी कमेटी को भी राजनीतिक लाभ से प्रेरित बताया। कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने MUDA घोटाले के खिलाफ भाजपा के धरने का राजनीतिक ड्रामा बताया है। पाटिल ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा सत्र का अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा MUDA में अनियमितताओं की जांच का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है। क्या ऐसा कोई उदाहरण है जब किसी मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ आरोप होने पर जांच आयोग का गठन किया हो? इस पर बोलते हुए कर्नाटक विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी ने कहा कि यह 3-4 साल पहले का मामला है। अब यह मीडिया में आया है। मेरे हिसाब से यह चर्चा करने लायक मामला नहीं है। कल उन्होंने पुनर्विचार के लिए पत्र दिया था। इसलिए मैं इस पर पुनर्विचार कर रहा हूं।
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में शामिल होने आरोप लग रहे हैं। इसी मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दल बीजेपी और JDS के विधायकों ने विधानसभा भवन में रातभर धरना दिया। बीजेपी की तरफ से जारी किए एक वीडियो… pic.twitter.com/BElZpepAKq
— IANS Hindi (@IANSKhabar) July 25, 2024
इससे पहले MUDA से मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और नौ अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी, जमींदार देवराज और छह अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।