इस बार 4 दिन पहले केरल पहुंचेगा मानसून, 1 जून की जगह 27 मई को आएगा…

मानूसन देश में इस बार तय समय से 4 दिन पहले पहुंच सकता है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल तट से टकराएगा। आमतौर पर यह 1 जून को केरल पहुंचता है। अंडमान और निकोबार में 13 मई तक मानसून की एंट्री का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगर मानसून 27 मई को आता है तो यह 16 में पहली बार होगा जब यह इतनी जल्दी दस्तक देगा। 2009 में 23 मई को और 2024 में 30 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दी थी। इसके अलावा 2018 में 29 मई को मानसून आया था। IMD ने बताया कि आमतौर पर 1 जून को केरल पहुंचने के बाद मानसून 8 जुलाई तक अन्य राज्यों को कवर करता है। 17 सितंबर के आसपास राजस्थान के रास्ते वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरा हो जाता है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में प्रवेश करता है और 8 जुलाई तक पूरे भारत में फैल जाता है. यह 17 सितंबर के आस-पास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से समाप्त हो जाता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अप्रैल में 2025 के मानसून के लिए सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है और अल नीनो की स्थिति को खारिज किया है, जो आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में वर्षा में कमी से जुड़ी होती है.

भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव ने बताया कि इस वर्ष जून से सितंबर तक 4 महीने के मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है. इस बार प्री मॉनसून गतिविधियां भी काफी सक्रिय रही हैं, और पिछले एक महीने से देश के कई हिस्सों में तेज हवाओं और बारिश का सिलसिला जारी है. शनिवार को दिल्ली में बौछार के बाद मौसम में ठंडक आ गई, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले पांच दिनों में बारिश हुई है.

उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ और अन्य कारकों के कारण बारिश के चलते इस वर्ष हीटवेव का प्रभाव कम देखने को मिला है. गर्मी में वृद्धि की संभावनाओं के बीच, मॉनसून के जल्दी आगमन की सूचना राहत प्रदान करती है.

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