MP में अब सरकार नहीं भरेगी मंत्रियों का इनकम टैक्स, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिया बड़ा फैसला

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मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट के सामने सीएम और मंत्रियों के वेतन-भत्ते पर लगने वाले टैक्स को राज्य सरकार के खजाने से भरने वाले नियम को बदलने का प्रस्ताव लिया। इसे मंत्रियों ने मेज थपथपा कर स्वीकार कर लिया। अब सीएम और मंत्री उनके वेतन और भत्ते पर लगने वाले टैक्स को खुद ही भरेंगे। बता दें यह नियम 1972 में बना था। जिसमें मंत्रियों को मिलने वाले वेतन-भत्ते पर लगने वाले टैक्स को राज्य सरकार के खजाने से भरा जाता था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि हमने निर्णय किया है कि हमारे मंत्रीगण इनकम टैक्स की द़ष्टि से स्वयं का व्यय करेंगे। वह शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे। आयकर की दृष्टि से 1972 के नियम में बदलाव हो रहा है।

मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री का आयकर जमा करने के लिए बजट में एक करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसमें टैक्स योग्य राशि का आकलन करने के बाद संबंधित वेतन से टैक्स की कटौती के बाद यह राशि विभाग के द्वारा अब तक लौटाई जाती थी। वहीं, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को दो लाख रुपए वेतन मिलता है। वहीं, कैबिनेट मंत्रियों को 1.70 लाख रुपए माह वेतन मिलता है। राज्य मंत्रियों को 1.45 लाख रुपए माह और विधायकों को 1.10 लाख रुपए वेतन मिलता है। इसमें बेसिक सैलरी, सत्कार भत्ता, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और दैनिक भत्ता शामिल है।

कैबिनेट ने एक अन्य निर्णय लिया है कि प्रदेश में सेना, सीआरपीएफ के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली एक करोड़ रुपए की सहायता राशि में 50 प्रतिशत शहीद की पत्नी और 50 प्रतिशत राशि माता-पिता को दी जाएगी। अभी तक शहीद की पत्नी को 100 प्रतिशत राशि दी जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई मामलों में माता-पिता को कठिनाईयां आती है।