मध्यप्रदेश : मदरसों को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने खंडवा में मदरसों को लेकर बड़ा बयान दिया है. विजय शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सवाल मदरसे का नहीं है, सवाल शिक्षण संस्थान का है, सवाल भारत के राष्ट्र तिरंगे के मान सम्मान का है. सवाल जन गण मन के माध्यम से भारत के राष्ट्रगान का है.” मंत्री विजय शाह ने खंडवा के एक निजी स्कूल का जिक्र करते हुए कहा यह हमारी क्रिश्चियन स्कूल है, यहां जन गण मन पढ़ाया जाता है, झंडा वंदन होता है. देश में कोई भी शिक्षण संस्थान तिरंगे का अपमान करें, जन गण मन नहीं गाएं तो उनकी बहुत कुछ चीजें बंद हो जाएंगी. इससे पहले भी मंत्री विजय शाह ने सभी स्कूलों और मदरसों में राष्ट्रगान आवश्यक रूप से गाने की मांग की थी.
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के मदरसों में राष्ट्रगान और ध्वजारोहण अनिवार्य करने की मांग की थी. हालांकि उनकी इस मांग को स्कूल शिक्षा मंत्री खारिज कर चुके हैं. लेकिन, अब मंत्री विजय शाह ने मदरसों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. मंत्री विजय शाह ने खंडवा में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए यह बात कही.
कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने बीते दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव से सभी शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगान को अनिवार्य करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था, “मैं कुछ समय के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री था. उस समय हमने ये आदेश निकाला था कि हर सरकारी, प्राइवेट स्कूल में झंडा वंदन होगा, जन गण मन होगा. लेकिन, उस आदेश में थोड़ी सी कमी रह गई थी. वह आदेश छठवीं से 12वीं तक के विद्यालयों के लिए था. इसे पहली कक्षा से लागू कर दिया जाए. मुख्यमंत्री से मेरा अनुरोध है.”
इस दौरान मंत्री विजय शाह ने मदरसों में भी जन गण मन का गायन और झंडा वंदन अनिवार्य करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सभी शिक्षण संस्थानों में जन गण मन अनिवार्य हो. स्कूल में बच्चे जय हिंद बोलें. प्रदेश में अभी छठवीं के बाद यह नियम है. सरकारी स्कूलों में पालन हो रहा है, लेकिन कुछ निजी स्कूलों में पालन नहीं हो रहा है. अब पहले से यह लागू होना चाहिए. मध्य प्रदेश के साथ पूरे देश में लागू होना चाहिए. मंत्री विजय शाह की इस मांग को स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने यह कहकर नकार दिया था कि किसी स्कूल या शिक्षण संस्थान में राष्ट्रगान और झंडा वंदन होने से कोई नहीं रोकता. यह प्रार्थना में होता है. इसके लिए अलग से कोई व्यवस्था की जरूरत नहीं है. यह व्यवस्था स्कूलों में है