बकरीद को लेकर MP वक्फ बोर्ड की लोगों से अपील – ‘कुर्बानी की वीडियो सोशल मीडिया पर न डालें,

मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने ईदुल अजहा के पाक त्योहार के मौके पर एडवाईजरी जारी कर कुर्बानी के दौरान साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। एडवाइजरी में ईदुल अजहा के त्योहार को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें कुर्बानी के लिए चयनित स्थानों का उपयोग, साफ-सफाई का विशेष ध्यान, कुर्बानी की जगह को सुरक्षित ढंग से बंद रखने, जानवरों की अनुपयोगी चीजों का उचित निस्तारण, प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करने और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के वीडियो या ऑडियो न डालने की सलाह शामिल हैं। इसके साथ ही, ईद की नमाज केवल ईदगाह या मस्जिद परिसर में ही पढ़ने का अनुरोध किया गया है, ताकि सड़कों पर भीड़ न हो और सुरक्षा बनी रहे।
एमपी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा जारी एडवाइजरी में लिखा है कि मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अंतर्गत प्रदेश भर में मस्जिदें, कब्रस्तान, दरगाहें मजारात, ईदगाहें, कर्बला एवं मदरसा स्कूल आदि के रूप में लगभग 15 हजार वक्फ सम्पत्तियां पंजीकृत हैं। ईदुल अजहा इस्लाम के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है। इस खास मौके पर मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड अपने अधिनस्थ समस्त वक्फ मुतवल्लियों/प्रबंध समितियों को निम्न आवश्यक एडवाइजरी जारी करता है।
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की एडवाइजरी
देश के समस्त कलेक्टर्स एवं जिला दण्डाधिकारियों द्वारा ईदुल अजहा (कुरबानी) के त्योहार को सफल बनाने की दृष्टि से जारी एडवाईजरी का सख्ती से पालन करें एवं इस से आमजन को बाखबर करावें, ताकि राज्य शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित हो सके। कुरबानी की जगह को चारों तरफ से दीवार/टीनशेड से बंद रखें। उक्त जगहों पर आवश्यक दवाईयों का छिड़काओ करावें। इस अवसर पर विशेषकर साफ सफाई का ध्यान रखा जाना अपनी धार्मिक एवं नैतिक जिम्मेदारी समझें। कुरबानी के लिये चयनित स्थानों पर ही कुरबानी करें, उसे भली भांति ढंक कर अपने स्थान तक ले जावें। कुरबानी के जानवर की अनुपयोगी चीजों को सुरक्षित एवं नगर निगम /पालिका द्वारा रखे कन्टेनर अथवा चयनित जगहों पर ही डालें। प्रतिबंधित जानवरों की कुरबानी किसी भी सूरत में न करें एवं सरकारी आदेशों का पूरी से पालन करें। कुरबानी का कोई विडियों / ओडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल न करें। ईद की नमाज केवल ईदगाह के अन्दर एवं मस्जिद परिसर में ही पढ़ें। गैर जरूरी तौर पर सड़कों में नमाज अदा करने से बचें। जरूरत महसूस होने पर स्थानीय प्रशासन को भरोसे में लेकर ईद की नमाज अदा करें।