रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-Operative Bank) पर बैंकिंग कामकाज को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके बाद बैंक की ब्रांच के बाहर खाते से पैसे निकालने के लिए ग्राहकों की लंबी लाइन लग गई. कुछ ग्राहकों ने बताया कि बैंक उनके सवाल का जवाब नहीं दे रहा और उसकी कस्टमर सर्विस हेल्पलाइन और ऐप भी काम नहीं कर रहा. आरबीआई के बैन के अनुसार बैंक के अकाउंट होल्डर अपने खाते से पैसा नहीं निकाल सकेंगे. बैंक को लेकर केंद्रीय बैंक की तरफ से दिये गए निर्देश गुरुवार को बिजनेस बंद होने के साथ ही लागू हो गए. ये आदेश अगले छह महीने के लिए लागू रहेंगे. आरबीआई की तरफ से कहा गया, ये रोक बैंक की निगरानी और उसकी नकदी की कमी को लेकर चिंताओं के चलते लगाई गई है. बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए आदेश दिया गया है कि जमाकर्ता के सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे.’ बैंक कर्मचारियों की सैलरी, किराये और बिजली के बिल जैसी जरूरी खर्चों को लेकर पैसा खर्च कर सकता है. बैंक को छह महीने के लिए किसी भी प्रकार के लोन देने से मना कर दिया गया है. बयान में सेंट्रल बैंक ने कहा, ‘बैंक के किसी भी सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट या किसी भी प्रकार के अकाउंट से कोई भी पैसा निकालने की अनुमति नहीं है. लेकिन खाताधारक के नाम पर कोई लोन है तो वे खाते में जमा पैसे के बदले इसे एडजस्ट करा सकता है.’ डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) संकटग्रस्त बैंक के जमाकर्ताओं को उनकी सेविंग के जमा बीमा दावे की राशि अधिकतम पांच लाख रुपये तक का भुगतान करेगा.
हाल के दिनों में बैंक के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली है. वास्तव में बैंक ने पिछले वित्तीय वर्ष में 22 करोड़ से ज्यादा का नुकसान दर्ज किया, जो मार्च 2024 में खत्म हुआ था. आरबीआई ने साफ किया कि नियमित कामकाज रोकने की इन कार्रवाइयों का मतलब बैंक का लाइसेंस रद्द करना नहीं है. इस दौरान आरबीआई बैंक से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखेगा और जरूरी कदम उठाएगा.