Nancy Pelosi China: मिसाइलें, फाइटर जेट…चीन-अमेरिका में होकर रहेगी जंग, ताइवान पर थमीं दुनिया की सांसें

अंतरराष्ट्रीय

बीजिंग: दुनिया की दो सुपरपावर अमेरिका और चीन की सेनाएं ताइवान के मसले पर आमने-सामने हैं। साउथ चाइना सी दोनों ही महाशक्तियों के बीच जंग का अखाड़ा बनता नजर आ रहा है। अमेरिकी संसद की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी अपनी ताइवान यात्रा को लेकर दृढ़ नजर आ रही हैं। वहीं चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भी ताइवान में अमेरिकी संसद की अध्‍यक्ष यह दौरा अस्तित्‍व का सवाल बन गया है। परमाणु हथियारों से लैस चीन और अमेरिका दोनों की सेनाएं अब एक-दूसरे के खिलाफ बड़े पैमाने पर मिसाइलें, युद्धपोत और फाइटर जेट तैनात कर चुके हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुखिया ने चेतावनी दी है कि एक गलती से दुनिया में परमाणु तबाही आ सकती है। आइए जानते हैं कि क्‍यों नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर दुनिया की सांसें थमी हुई हैं….

अमेरिका ने अभी तक नैंसी पेलोसी की यात्रा का ऐलान नहीं किया है लेकिन अमेरिकी सेना ने एयरक्राफ्ट कैरियर लेकर फाइटर जेट तक ताइवान की सीमा के पास जापान और अपने नियंत्रण वाले गुआम द्वीप पर तैनात कर दिए हैं। अमेरिका में राष्‍ट्रपति बनने के पदक्रम में नैंसी पेलोसी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और उप राष्‍ट्रपति कमला हैरिस के बाद तीसरे नंबर पर आती हैं। साल 1997 के बाद वह अमेरिका की सबसे उच्‍च अधिकारी होंगी जो ताइवान के दौरे पर जाएंगी। यही वजह है कि चीन बुरी तरह से भड़का हुआ है। चीन की सेना ने नैंसी पेलोसी को डराने के लिए ताइवान स्‍ट्रेट में जोरदार युद्धाभ्‍यास शुरू किया है। वहीं उसने इस इलाके में यात्री विमानों के आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एशिया समेत दुनियाभर के शेयर बाजार अमेरिका-चीन के बीच युद्ध के डर से दहशत में हैं।

चीन की सेना अब दक्षिण चीन सागर में बारूद बरसा रही
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता झाओ लिजिन ने धमकी दी है कि अमेरिका को इस दौरे के सभी दुष्‍परिणामों को सहना होगा। चीन के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा है कि इस यात्रा से ताइवान स्‍ट्रेट में और ज्‍यादा तनाव भड़केगा। उन्‍होंने कहा कि चीन की सेना हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेगी और ताइवान की स्‍वतंत्रता को रोकने के लिए मजबूत और कड़ी कार्रवाई करेगी। इससे पहले चीन और अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने भी बातचीत की थी लेकिन इस पूरे विवाद का कोई हल नहीं निकला। चीन की सेना अब दक्षिण चीन सागर और बोहाई सागर में बारूद बरसा रही है। ताइवान की मीडिया का दावा है कि नैंसी पेलोसी आज शाम को ताइपे पहुंचे सकती हैं। चीन की सेना ने ऐलान किया है कि वह 2 अगस्‍त से लेकर 6 अगस्‍त तक युद्धाभ्‍यास करेगी। उधर, ताइवान की सेना भी जोरदार तैयारी कर चुकी है।

माना जा रहा है कि चीन की सेना पीएलए नैंसी पेलोसी की संभावित यात्रा को रोकने के लिए अपने फाइटर जेट और यद्धपोतों की मदद से अभ्‍यास कर रही है। यही नहीं चीन के जंगी जहाज मेडियन लाइन पर जमा हैं जहां से ताइवान की सीमा शुरू होती है। चीन के थिएटर कमांड ने चेतावनी दी है कि हम जंग के लिए तैयार हैं। इस बीच अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने भी चेतावनी दी है कि इस यात्रा को चीन संकट या संघर्ष में न बदले। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की सेना नैंसी पेलोसी की यात्रा होने पर इसका 4 तरीके से जवाब दे सकती है। पहला- चीन बहुत बड़ी तादाद में अपने फाइटर जेट को ताइवान के एयर डिफेंस जोन में भेज सकता है। यही वजह है कि चीन ने सभी विमानों की उड़ानों को कैंसिल कर दिया है। इससे पहले चीन 4 अक्‍टूबर को अपने 56 फाइटर जेट को एकसाथ ताइवान की सीमा के पास भेजा था। यही वजह है कि अमेरिका ने भी अपने परमाणु बम से लैस दो एयरक्राफ्ट कैरियर को ताइवान के पास तैनात किया है।

‘चीनी फाइटर जेट को नैंसी पेलोसी के साथ उड़ान भरना चाहिए’
दूसरा- विशेषज्ञों के मुताबिक चीन अपने फाइटर जेट को ताइवान के ऊपर या मेडिअन लाइन के ऊपर उड़ा सकता है। मेडिअन लाइन एक बफर जोन है जिसे अमेरिका ने 1954 में विकसित किया था ताकि चीन और ताइवान के बीच विवाद को रोका जा सके। चीन ने पिछले साल इस सीमा रेखा को मानने से इंकार कर दिया था। चीन ने चेतावनी देने के लिए आज अपने कई विमानों को इस मेडियन लाइन तक उड़ाया है। चीन अगर ताइवान के ऊपर अपने फाइटर जेट को उड़ाता है तो यह बहुत ही ज्‍यादा तनाव को भड़काने वाला कदम होगा। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर रह चुके हू शिज‍िन का मानना है कि चीनी फाइटर जेट को नैंसी पेलोसी के साथ उड़ान भरना चाहिए और दुनिया को यह दिखाना चाहिए कि ताइवान पर चीन की संप्रभुता है। इसके अलावा विशेषज्ञों मानना है कि चीन तीसरे विकल्‍प के तहत अपने विशाल युद्धपोत को ताइवान की सीमा के पास तैनात कर सकता है। इसके निपटने के लिए इलाके में पहले से ही अमेरिका के दर्जनों युद्धपोत पहले से ही मौजूद हैं। ये जंगी जहाज एफ-35 फाइटर जेट से लैस हैं जो परमाणु हमला करने में भी सक्षम है। चीन चौथे विकल्‍प के तहत ताइवान की सीमा के पास मिसाइल परीक्षण कर सकता है।

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