छत्तीसगढ़ में बीजापुर विधानसभा से कांग्रेस MLA विक्रम मंडावी के काफिले पर हुए नक्सली हमले पर अब सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री और भाजपा नेता महेश गागड़ा ने इस हमले को विक्रम मंडावी का प्रोपेगेंडा बताया है। उन्होंने कहा कि, विधायक हीरो बनने के लिए हमले की चाल चल रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, जिस जगह जिला पंचायत सदस्य की गाड़ी में गोली लगी उसी जगह पर वाहन खड़ा कर आखिर कैसे टायर बदला जा सकता है? उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले की जांच करने की मांग की है।
महेश गागड़ा ने कहा कि, विधायक विक्रम मंडावी अपने काफिले के साथ पहले ही बंगला पहुंच चुके थे। आधे घंटे बाद उन्हें याद आया कि उनपर नक्सलियों ने हमला किया है। उन्होंने कहा कि, अगर गोली चलती है तो किसी में इतनी हिम्मत नहीं होती की वे उस जगह खड़े हो जाए। जितनी जल्दी हो वहां से निकलने का प्रयास किया जाता है। लेकिन, जिस गाड़ी में गोली लगने की बात कही जा रही है उसका चालक वहीं पर वाहन को पार्क कर टायर बदलता है। जिला पंचायत सदस्य जंगल में टहलती हुई नजर आती हैं। कहीं न कहीं यह मामला संदेह के दायरे में भी है।
उन्होंने कहा कि, विधायक विक्रम मंडावी कहते है कि उनपर हमला हुआ है। पुलिस कहती है अटैक नहीं हुआ है। अब किसकी बात मानें। महेश के मुताबिक, विधायक खुद को प्रोजेक्ट करने का काम कर रहे हैं। किसी भी MLA पर हमला होना यह संवेदनशील मामला होता है। अगर अटैक हुआ है तो विधायक इस मामले में गंभीर नजर नहीं आए। वे अपने बंगले से निकलकर मैच खेलने गए। महेश गागड़ा ने आरोप लगाया है कि, बस्तर में होने वाली नक्सल घटनाओं पर विधायक जले में नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
विक्रम बोले- महेश राजनीति कर रहे
इस मामले पर विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि, महेश गागड़ा केवल सियासी बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें हकीकत नहीं मालूम। वे केवल राजनीति कर रहे हैं। किसी MLA या फिर जनप्रतिनिधि पर इस तरह का नक्सली हमला होना संवेदनशील मामला है। उन्हें सोच समझकर बयानबाजी करनी चाहिए।
यह था पूरा मामला
18 अप्रैल को बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी गंगालूर गांव गए हुए थे। वे साप्ताहिक बाजार में नुक्कड़ सभा में शामिल हुए। फिर शाम के वक्त जिला मुख्यालय लौट रहे थे। वहीं पदेड़ा गांव के पास नक्सलियों ने विधायक के काफिले पर हमला कर दिया था। जिस वाहन में जिला पंचायत सदस्य पार्वती कश्यप बैठीं थीं उस वाहन में गोलियां लगी थी। हालांकि, सभी सुरक्षित जिला मुख्यालय लौट आए थे। ऐसा बताया जा रहा है कि, वाहनों को निकलने में थोड़ा और वक्त लगता तो नक्सली विधायक के काफिले को पूरी तरह अपने एंबुश में फंसा लेते।