CG : 55 लाख के 29 इनामी नक्सली मुख्यधारा में लौटे, नारायणपुर में 8 नक्सलियों का सरेंडर, इनमें डॉक्टर भी..

छत्तीसगढ़ में बुधवार को नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी. नारायणपुर और दंतेवाड़ा में 55 लाख के इनामी 29 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने हथियार डाल दिए. वहीं, सुरक्षाबलों ने बुधवार को अलग-अलग जिलों से 8 खूंखार नक्सलियों को गिरफ्तार किया. बस्तर संभाग के दन्तेवाड़ा में 25 लाख 50 हजार के 13 इनामी माओवादियों सहित 21 ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पित माओवादी केये उर्फ केशा लेकाम पर 8 लाख रुपये इनाम घोषित है. आरोप है कि वह वर्ष 2025 में ग्राम परसबेड़ा के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में भी शामिल था. वहीं, आत्मसमर्पित महिला माओवादी सोमे उर्फ जमली कुहड़ाम 1 लाख रूपये की इनामी है. वह वर्ष 2023-24 में पीड़िया और वर्ष 2025 में ग्राम तोड़का के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल थी. इसी तरह समर्पित महिला माओवादी कुमारी हिड़मे उर्फ विज्जो ओयाम पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था. वर्ष 2025 में ग्राम कोरचोली के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल रही है. अन्य आत्मसर्पित माओवादी अपने-अपने क्षेत्र में नक्सली बंद सप्ताह के दौरान रोड खोदना, पेड़ काटना, नक्सली बैनर, पोस्टर एवं पाम्प्लेट लगाने जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं.
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में एक बार फिर सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. दरअसल, यहां पुलिस और सुरक्षाबलों की लगातार दबाव पूर्ण कार्रवाई के बीच नक्सल उन्मूलन अभियान और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 30 लाख के इनामी 8 नक्सलियों ने नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने वालों में 6 पुरुष और 2 महिला माओवादी शामिल हैं. इनमें शीर्ष कैडर के डीवीसीएम, पीपीसीएम और एसीएम जैसे बड़े पदाधिकारी भी रहे हैं.पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों पर कुल 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था. सभी को सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. सुखलाल जुर्री- डीवीसीएम डॉक्टर, इनाम 8 लाख रुपये हुर्रा उर्फ हिमांशु- पीपीसीएम, इनाम 8 लाख रुपये कमला गोटा- एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये राजू पोडियाम उर्फ सुनील- एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये अन्य चार नक्सली छोटे कैडर के हैं, जिन पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था.
आत्मसमर्पण के बाद इंटेरोगेशन में डीवीसीएम डॉक्टर ने चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि “शीर्ष कैडर के माओवादी लीडर्स ही आदिवासियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं. वे जल-जंगल-जमीन की रक्षा और समानता-न्याय दिलाने का झूठा सपना दिखाकर बस्तर के लोगों को गुलाम बना लेते हैं. महिला नक्सली कमला गोटा ने भी संगठन में महिलाओं के शोषण की सच्चाई सामने रखी. उन्होंने कहा कि नक्सली संगठन में स्थानीय नक्सलियों का शोषण तो होता ही है, साथ ही महिला नक्सलियों का जीवन नर्क बन चुका है. बड़े लीडर्स उन्हें दासी की तरह इस्तेमाल करते हैं और व्यक्तिगत शोषण भी करते हैं.
छत्तीसगढ़ में पिछले 18 महीनों में दंतेवाड़ा जिला में 99 इनामी माओवादी सहित कुल 390 से अधिक माओवादियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा को अपनाया है. माओवादियों की वरिष्ठ नेतृत्व से लेकर आधार क्षेत्र के सक्रिय कैडर तक बड़ी संख्या में माओवादी संगठन से अलग हो चुके हैं. लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 267 इनामी माओवादियों सहित कुल 1042 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण जिसमें जिला दन्तेवाड़ा के साथ-साथ सीमावर्ती जिलों बस्तर, बीजापुर एवं नारायणपुर के 837 पुरुष माओवादी और 205 महिला माओवादी शामिल हैं.