महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. सोमवार को 8 लाख रुपये के दो नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया. इन दोंनों पर 63 लोगों की हत्या का आरोप है. देश की तीन राज्यों की पुलिस के लिए 10 साल से ये बड़ी सिरदर्दी बने हुए थे. पकड़े गए नक्सलियों के नाम अडमा जोगा मडावी है और टुगे कारु वड्डे हैं. ये दोनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर के रहने वाले हैं. 26 साल के अडमा जोगा मडावी और 35 साल के टुगे कारु वड्डे की हिस्ट्री काफी डराने वाली और चौंकाने वाली है
अडमा के ऊपर 52 सुरक्षाकर्मियों की हत्या के आरोप हैं. इसके साथ ही उस पर 5 लोगों की हत्या और 44 लोगों को गंभीर जख्मी करने का आरोप है. वहीं दूसरे नक्सली टुगे कारु वड्डे के ऊपर 6 हत्या का आरोप है. अडमा जोगा मडावी जुलाई 2014 में पामेड एलजीएसमें सदस्य पद पर भर्ती होकर 2021 तक कार्यरत था. जनवरी 2021 को उसका तबादला झेान एक्शन टीम में हो गया था. इसके बाद जून 2023 में वो दलम छोड़कर घर वापस आ गया था. उसकी 8 बार पुलिस से मुठभेड़ हुई है. जिसमे 52 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए थे औ 44 लोग घायल हुए थे l
पुलिस को दिए बयान में अडमा ने चौकाने वाला खुलासा किया है. उसका कहना है कि सीनियर कैडर के माओवादी आंदोलन के नाम पर लोगो के लिए जो पैसा इकठ्ठा करते थे. इसका इस्तेमाल वो खुद के लिए करते थे. कैडर के लोगों के विकास कार्य के लिए कभी इस पैसे का इस्तेमाल नहीं किया जाता है l
नक्सली अडमा ने आगे कहा कि सीनियर माओवादी नेता केवल अपने फायदे के लिए गरीब आदिवासी युवाओं का इस्तेमाल करते हैं. वो इनके साथ रहते हुए शादी होने के बावजूद भी वैवाहिक जीवन नहीं जी सकतें हैं. सीनियर कैडर के लोग मुखबिर के नाम पर अपने भाई-बहनो कों मारने को कहते हैं l
गढ़चिरौली पुलिस के मुताबिक साल 2022 से 2023 में अबतक 12 नक्सलियो ने आत्मसमर्पण किया है. इन दोनों नक्सलियों के सरेंडर के बाद इसे नक्सल संगठनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि आत्मसमर्पण ऐसे समय मे हुआ है जब नक्सली नक्सल सप्ताह मना रहे हैं l