छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी गुजरात के मोरबी ब्रिज जैसा हादसा होने की आशंका मंडरा रही है। यहां अधिकारियों की लापरवाही के चलते हर दिन हजारों लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल राजधानी रायपुर से बहने वाली खारून नदी के ऊपर बने लक्ष्मण झूले पर क्षमता से ज्यादा लोग एक बार में चढ़ रहे हैं, जिस पर किसी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है।
रायपुर में लक्ष्मण झूले और महादेव घाट में दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। लक्ष्मण झूले पर एक बार में कितने लोगों को जाने देना है, इसे देखने के लिए वहां किसी की तैनाती नहीं है, लिहाजा भारी संख्या में लोग इस पर एक बार में चढ़ रहे हैं। ऐसा ही नजारा 15 अगस्त के दिन भी देखने को मिला।
लक्ष्मण झूले के प्रभारी अधिकारियों से जब इस बारे में बातचीत की गई, तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना जवाब दिया। उनसे पूछा गया कि एक बार में कितने लोगों के झूले पर चढ़ने की अनुमति है या इसकी क्षमता कितनी है, तो उन्होंने कहा अगर पानी होता तो गैलन में मापते, व्यक्तियों का वजन मापना संभव नहीं है। इसमें तो हजारों लोग चढ़ सकते हैं। ये बहुत मजबूत बना है।
2 शिफ्ट में 14 गार्ड की ड्यूटी, लेकिन मौके पर केवल 4
सावन के महीने में हटकेश्वर नाथ मंदिर में 10 हजार से भी ज्यादा लोग भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। वे लक्ष्मण झूला को पार कर अंदर बने गार्डन में घूमते हैं। शासन ने यहां लोगों की सुरक्षा को देखते हुए 14 गार्ड की ड्यूटी 2 शिफ्ट में लगाई है। इसके अलावा जल संसाधन विभाग के चतुर्थ वर्ग के कुछ कर्मचारी अलग नियुक्त किए गए हैं। लेकिन जब दैनिक भास्कर ने मौके का जायजा लिया, तो पता चला कि वहां पर केवल प्राइवेट कंपनी के 2 गार्ड और 2 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ही मौजूद हैं। न तो सस्पेंशन ब्रिज के एन्ट्रेंस पर लोगों की भीड़ को रोकने वाला कोई दिखा, न तो ब्रिज के ऊपर कोई सुरक्षा कर्मचारी नजर आया।
आम लोग धक्का-मुक्की करते हुए अपने-अपने हिसाब से ब्रिज पर चढ़-उतर रहे थे। ब्रिज के ऊपर नदी की तरफ झुककर युवा सेल्फी और रील्स भी बना रहे थे। इन्हें रोकने-टोकने वाला भी कोई मौजूद नहीं था।
गार्ड के अटेंडेंस रजिस्टर से खुली पोल
इस बड़ी लापरवाही की बात सिर्फ यहां पर खत्म नहीं होती। हमने ऑफिस में मौजूद एक गार्ड से जब सुरक्षा-व्यवस्था के बारे में पूछा, तो उसने ऑफिस से रजिस्टर लाकर गार्ड की कुल संख्या को दिखाया। रजिस्टर से इस बात का खुलासा हुआ कि एक ही व्यक्ति ने सभी गार्ड का नाम लिखकर उसके बगल में अटेंडेंस डाल दिया है। साथ ही बीते 5 दिनों में किसी भी गार्ड ने रजिस्टर में एंट्री तक नहीं की है। उनके नाम के सामने की अटेंडेंस की जगह खाली है।
इसका मतलब साफ है कि जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सिक्योरिटी कंपनी के साथ मिलकर सरकार को चूना लगा रहे हैं। वे मौके पर कम गार्ड तैनात कर लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। साथ ही ठेकेदारों के साथ मिलकर पैसों की गड़बड़ी भी कर रहे हैं।
पानी थोड़े ही है जो गैलन में नापेंगे
इस मामलें में जल संसाधन विभाग के SDO महेंद्र कुमार केलकर से ब्रिज के ऊपर एक बार में कितने लोग जा सकते हैं, ये सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि ये पानी थोड़े ही है, जो गैलन में मापेंगे। हजारों लोग यहां चढ़ सकते हैं, अब वे एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर तो जा नहीं सकते, तो अपनी सुविधा अनुसार ही आते-जाते रहते हैं। इस गैर जिम्मेदाराना जवाब के बाद वे मनगढ़ंत ही ब्रिज की टोटल क्षमता और मोटे-पतले लोगों के वजन का गणित बतलाने लगे।
- उन्होंने बताया कि पहले यहां गार्ड लोगों की गिनती कर ब्रिज के ऊपर भेजता था, लेकिन अभी ये सिस्टम बंद है, जिससे लोग अपने हिसाब से आ-जा रहे हैं। हालांकि हम बीच-बीच में चेकिंग करने जाते रहते हैं। इसके बाद लक्ष्मण झूले की देखरेख करने वाले जल संसाधन विभाग के सब इंजीनियर किशन लाल विश्वकर्मा को फोन किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया, न ही कोई जवाब दिया।
कोई अपराध हो जाए, तो रोकने वाला नहीं
वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि यहां पर कई नशेड़ी और बदमाश भी आते हैं। वे लड़कियों के साथ छेड़खानी और भद्दी टिप्पणियां करते हैं। अगर हम उन्हें रोकेंगे, तो वे हम पर ही हमला कर देंगे, उनका कोई ठिकाना नहीं है। इस बारे में प्रभारी अधिकारी किशन लाल विश्वकर्मा को बताया, तो उन्होंने ऐसे समय में थाने में फोन करने को कहा। लेकिन जब तक थाने का कोई स्टाफ मौके पर आएगा, तब तक अपराध करके आरोपी भाग चुका होगा।
गुजरात में मोरबी ब्रिज हादसे में 135 लोगों की गई थी जान
गुजरात के मोरबी ब्रिज पर पिछले साल हुए हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी। केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से 400 से ज्यादा लोग मच्छु नदी में गिर गए थे। इस ब्रिज की चौड़ाई भी केवल इतनी ही थी कि एक तरफ से लोग आ सकें और दूसरी तरफ से जा सकें। बावजूद इसके एक साथ 500 लोगों के चढ़ने के साथ ही ये ब्रिज टूट कर नीचे गिर गया। जिसमें लोगों की नदी में डूबकर मौत हो गई। इस ब्रिज को प्रशासन ने एक कंपनी के भरोसे छोड़ दिया था। इस ब्रिज के टूटने की घटना का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था, जिसमें ब्रिज के ऊपर चढ़कर लोग फोटो वीडियो बनाते हुए मस्ती कर रहे थे। यहां पर भी इन्हें रोकने वाला कोई मौजूद नहीं था।