न मोरबी ब्रिज के तार बदले, न कॉन्ट्रैक्टर ठेका लेने के योग्य था… कोर्ट में खुली पोल

राष्ट्रीय

मोरबी ब्रिज हादसे के मामले में गिरफ्तार सभी 9 लोगों को बुधवार को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर समेत चार लोगों को शनिवार तक की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. वहीं, 5 अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. पुलिस ने इन 5 आरोपियों की हिरासत की मांग नहीं की थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ब्रिज हादसे को लेकर तमाम ऐसे खुलासे हुए जो चौंकाने वाले हैं. सुनवाई के दौरान सामने आया है कि रेनोवेशन या मरम्मत के दौरान हैंगिंग ब्रिज के तार तक नहीं बदले गए थे.

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम जे खान की कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रॉसिक्यूशन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि जिस कॉन्ट्रैक्टर ने ब्रिज की मरम्मत का ठेका लिया था, उसके पास कॉन्ट्रैक्ट लेने की भी योग्यता नहीं थी. इतना ही नहीं कोर्ट में फॉरेंसिंक टीम की रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया. कोर्ट में बताया गया कि ब्रिज की मरम्मत के दौरान सिर्फ फ्लोर को चेंज किया गया. इस दौरान ब्रिज की केबल को चेंज नहीं किया गया. यह नए फ्लोर का वजन उठाने में भी सक्षम नहीं थी.

प्रॉसिक्यूशन पक्ष ने फॉरेंसिक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि एक्सपर्ट का मानना है कि नए फर्श के वजन की वजह से ब्रिज की केबल टूट गई. इतना ही नहीं कोर्ट को यह भी बताया गया कि रिपेयर करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स भी काम करने के लिए योग्य नहीं थे. इसके बावजूद कॉन्ट्रैक्टर्स को 2007 और फिर 2022 में रिपेयर का ठेका दिया गया.

भगवान की इच्छा से हुआ हादसा’

ओरेवा कंपनी के गिरफ्तार मैनेजर दीपक पारेख ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि ये भगवान की इच्छा थी कि ये दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था.

अब तक 135 की मौत

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबिल ब्रिज रविवार शाम को टूट गया था. मोरबी ब्रिज हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत हो गई. हादसे के वक्त ब्रिज पर काफी भीड़ थी. आलम यह था कि 100 लोगों की क्षमता वाले इस पुल पर 300-400 लोग थे. इस हादसे के बाद से प्रशासन और ब्रिज की मरम्मत करने वाली कंपनी पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में कंपनी पर मामला दर्ज किया था. इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है.

अब तक 9 लोग हुए गिरफ्तार

कोर्ट ने ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर और दो सब कॉन्ट्रैक्टर्स, जिन्होंने ब्रिज को रिपेयर कराया था, उन्हें शनिवार तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को धारा 304 यानी गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था.