रायपुर में 3 नाइजीरियन स्टूडेंट्स ने करोड़ों ठगे, पैसे देश के बाहर भेजे, 62 अन्य भी गिरफ्तार

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साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए रायपुर रेंज में साइबर शील्ड ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके तहत एक बड़ी कामयाबी पुलिस को मिली है। 3 नाइजीरियन स्टूडेंट करोड़ों की ठगी के आरोपी निकले। ये तीनों रायपुर की ही निजी यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। इन तीनों विदेशी छात्रों ने ठगी के पैसे भी देश से बाहर भेजे हैं। पुलिस ने साइबर फ्रॉड के अलग-अलग मामलों में 8 महिलाओं समेत 62 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। ऑपरेशन शील्ड को खुद IG चला रहे हैं। IG के मुताबिक, इन्होंने ठगी के रुपए विदेशों में भी भेजे थे। पुलिस ने बशीर सुलेमान, अमीनू गरबा, अब्दुल अजीज को हॉस्टल से गिरफ्तार किया है। इसके अलावा पुलिस ने दूसरे राज्यों से भी गिरफ्तारी की है।
अलग-अलग मामलों में अलग-अलग भूमिका निभाने वाले राजस्थान, ओडिशा समेत छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और महासमुंद से भी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में ऐसे कई लोगों से पूछताछ की जा रही है जिन्होंने ठगों को कमीशन बेसिस पर अपने खाते उपलब्ध करवाए थे। इन आरोपियों ने बैंक अकाउंट खुलवाने, फर्जी शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाईसी के बहाने लोगों से ठगी की। जिसकी 1435 शिकायतें अलग-अलग राज्यों की पुलिस के पास पहुंची। इस मामले में 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की 20 टीमें बनाकर पुलिस ने कई अलग-अलग ठिकानों पर रेड मारी। पुलिस ने आरोपियों के खाते में करीब 2 करोड़ रुपए होल्ड कराए हैं। जबकि आरोपियों ने करीब 85 करोड रुपए ठगी की है। पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपितों द्वारा डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाइसी अपडेट सहित अन्य ठगी में इनका हाथ था। वहीं ठगी की रकम को दूसरे खातों में ट्रांसफर करते थे। यूनिवर्सिटी में 70 से ज्यादा नाइजीरिया के छात्र पढ़ाई करते हैं। इस मामले में जल्द ही बैंक के कर्मचारी, ब्रोकर सहित अन्य की गिरफ्तारी की जा सकती है। सात अलग-अलग ठगी के मामलों में दो दिन तक चली कार्रवाई में 62 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

इसमें म्यूल बैंक अकाउंट धारक, संवर्धक, ब्रोकर, ठगी करने वाले शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध देश के विभिन्न राज्यों के थानों में 1,435 मामले दर्ज हैं। इसमें आरोपितों द्वारा पीड़ितों से 84 करोड 88 लाख रुपये की ठगी की गई है। आरोपितों ने ठगी के मामले में म्यूल बैंक खाते के लिए ठगों को अपने खाते बेचे। इसके बदले में इनके द्वारा एक लाख रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पैसे लिए गए। वहीं कुछ ने खाते में आने वाली रकम का 10 से 20 प्रतिशत लिया। इसके अलावा पांच से 10 हजार रुपये में भी खाते बेचे गए। साइबर क्राइम पोर्टल में 1,100 से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट की जांच की गई। जांच कार्रवाई में पीड़ितों की पहचान कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी एकत्र की गई।