राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा पर कर्नाटक के एक भाजपा नेता ने 150 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है। इस पर पित्रोदा ने बुधवार को जवाब दिया। उन्होंने कहा- भारत में मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है। कर्नाटक भाजपा नेता एन आर रमेश बेंगलुरु से पार्षद रह चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पित्रोदा ने 5 अफसरों की मदद से बेंगलुरु के येलहंका में 12.35 एकड़ की सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की। उन्होंने लीज की अवधि खत्म होने के बाद भी जमीन वापस नहीं की। जमीन की वैल्यू 150 करोड़ रुपए है। रमेश ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कर अनुरोध किया कि जमीन कब्जे मामले में शामिल अधिकारी समेत सभी लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।
सैम पित्रोदा ने X पर लिखा – भारतीय मीडिया में आई रिपोर्ट्स के संदर्भ में मैं कहना चाहता हूं कि मेरे पास भारत में कोई जमीन-घर या शेयर नहीं हैं। 1980 के दशक में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ और 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करने के दौरान मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। मैंने अपने 83 साल के जीवन में कभी भी भारत या किसी अन्य देश में रिश्वत नहीं दी है या स्वीकार नहीं की है। आरोप गलत हैं।
बीजेपी नेता रमेश ने अपनी शिकायत में कहा कि पित्रोदा ने 23 अक्टूबर 1993 को मुंबई महाराष्ट्र के को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार ऑफिस में फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT) नाम से एक ऑर्गनाइजेशन रजिस्टर किया था। पित्रोदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए एक रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया। पित्रोदा के अनुरोध पर विभाग ने 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि को पांच साल की लीज पर दे दिया। FRLHT को दी गई शुरुआती पांच साल की लीज 2001 में खत्म हो गई थी, जिसके बाद कर्नाटक वन विभाग ने इसे अगले 10 सालों के लिए बढ़ा दिया।