Google ने कुछ वक्त पहले Bard को लॉन्च किया है, जो कंपनी का AI बेस्ड चैटबॉट है. कंपनी ने इस चैटबॉट को OpenAI के ChatGPT की टक्कर में लॉन्च किया है. हालांकि, कंपनी की एक्जीक्यूटिव्स को ही लगता है कि Bard पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. गूगल की UK एक्जीक्यूटिव Debbie Weinstein की मानें तो Google का AI चैटबॉट भरोसेमंद जानकारी देने में स्ट्रगल करता है.
उन्होंने ये जानकारी एक इंटरव्यू में दी है. Google UK की मैनेजिंग डायरेक्टर Debbie Weinstein ने कहा है कि Bard के जवाबों को Google पर क्रॉस चेक किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि लोग Google पर भरोसेमंद जानकारी के लिए विश्वास करते हैं और हम लोगों को Google सर्च इंजन यूज करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.’
क्या है एक्जीक्यूटिव का कहना?
Debbie ने कहा कि Chatbot वो जगह नहीं है जहां पर एक यूजर को स्पेसिफिक जानकारी के लिए जाना चाहिए. फिलहाल गूगल के होमपेज पर भी आपको उसकी लिमिटेशन और कभी-कभी की गलतियों की वॉर्निंग मिल जाती है. हालांकि, इसका ये भी मतलब नहीं है कि यूजर्स को इसके सभी जवाबों को क्रॉस चेक करना चाहिए.
किसी भी दूसरे चैटबॉट की तरह Google Bard भी गलत जानकारी दे सकता है. इसके लिए hallucination टर्म का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब होता है आत्मविश्वास के साथ गलत जानकारी देने की प्रवृत्ति. यहां तक कि OpenAI का ChatGPT 4 भी इस दिक्कत से प्रभावित है.
पहले भी गलत जानकारी दी थी
पहली बार जब Bard का डेमो दिखाया गया था, तब भी इसने गलत जानकारी दी थी. इसकी वजह से कंपनी को बड़ा झटका लगा था. कंपनी के शेयर्स में भारी गिरावट भी आई थी. गूगल ने इस AI मॉडल को इस साल मार्च में लॉन्च किया था. हालांकि, उस वक्त ये सीमित लोगों तक ही था.
मई में कंपनी ने इसका विस्तार करते हुए दूसरे यूजर्स के लिए भी इसे लॉन्च कर दिया. Google Bard कंपनी की लार्ज लैंग्वेज मॉडल LaMDA पर बेस्ड है. इसे बाद में PaLM LLM मॉडल पर शिफ्ट कर दिया गया है. हाल में ही गूगल ने Bard पर 40 से ज्यादा लैंग्वेज का सपोर्ट जोड़ा है. शुरुआती दिनों में ये सिर्फ तीन भाषाओं में उपलब्ध था.