छत्तीसगढ़ के हाई प्रोफाइल रेप केस में कलेक्टर को नोटिस, बाल आयोग ने मांगा जवाब

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हाई प्रोफाइल रेप केस में सोमवार को जिला प्रशासन आंदोलनकारियों पर सख्त हो गया। एक तरफ SDM ने बेबस मां को उसकी बेटी दिलाने का झांसा देकर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के पास भेज दिया। वहीं, दूसरी तरफ उनके साथ धरने पर बैठे AAP कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

अपनी बेटी को पाने की आस में लाचार मां पूरे दिन CWC ऑफिस में बैठीं रहीं। लेकिन, उन्हें बेटी से मिलने तक नहीं दिया गया। अब इस केस में राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी सख्ती दिखाई है और कलेक्टर सौरभ कुमार को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगा है।

शनिवार से धरने पर बैठीं महिला और आम आदमी पार्टी के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रशासन दबाव डालकर उठाने की कोशश करते रहे। शनिवार और रविवार अवकाश होने के कारण पुलिस भी शांत रही। हालांकि, SDM श्रीकांत वर्मा ने उन्हें धमकाकर कलेक्ट्रेट से हटने की चेतावनी दी थी। लेकिन, महिला और AAP के कार्यकर्ता अपनी जिद पर अड़े रहे। रविवार देर रात प्रशासन फिर से सक्रिय हुआ और रात करीब दो बजे महिला के मायकेवालों को लेकर धरना खत्म कराने की कोशिश में जुटे रहे।

महिला अपनी बच्ची के साथ ही जाने पर जिद पर अड़ी रही। फिर भी सुबह करीब चार बजे उन्हें मायकेवालों के साथ जबरिया उठा लिया गया। इधर, सोमवार की सुबह 10 बजे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कोनी थाने भेज दिया गया। उनके खिलाफ धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला समेत 13 लोगों को जेल भेज दिया गया। लेकिन, पुलिस ने रेप के आरोपी पिता की गिरफ्तारी नहीं की और न ही महिला को उसकी बच्ची लौटाने का प्रयास किया।