दुबई, कुवैत और सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देशों में भरतीय मुसलमानों को अब पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिखाना होगा. तभी उनका उस देश में प्रवेश संभव होगा. ऐसा नियम इसलिए बनाया गया है जिससे इस बात का पता चल सके कि जो भारतीय मुसलमान अन्य मुस्लिम देशों में एंट्री कर रहे हैं, उन पर किसी तरह का कोई आपराधिक मामला तो नहीं दर्ज है.
फिलहाल इन दिनों बरेली से मुस्लिम देशों में यात्रा करने वाले लोग एसएसपी ऑफिस में मौजूद सिंगल विंडो सिस्टम में आवेदन करके पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं. ताकि उन्हें मुस्लिम देशों में एंट्री मिल सके.
वहीं, कई हिन्दूवादी विचारधारा के लोगों का कहना है कि भारत में यदि किसी मुस्लिम से दस्तावेज या पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मांग लिया जाता तो इस बात पर जरूर हंगामा होता. राजनीतिक और समाजिक दुनिया से तरह तरह की टिप्पणियां की जातीं.
यहां तक कि यह कह दिया जाता कि अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और भेदभाव हो रहा है. लेकिन दुनिया के बाकी मुस्लिम मुल्कों ने जब इसी नियम को लागू कर दिया तो कोई इस पर आपत्ति नहीं जता रहा. बल्कि अल्पसंख्यक लोग पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं.
बरेली सिटी के एसपी राहुल भाटी ने बताया कि इन दिनों पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के लिए एसएसपी ऑफिस में लोगों की भीड़ लगी हुई है. जरूरत पड़ने पर हम काउंटर बढ़ा सकते हैं ताकि भीड़ कम हो सके.