IIT कानपुर ने बिना डीजल से चलने वाला इंजन तैयार किया है। यह इंजन देश का पहला ऐसा इंजन होगा जो डाईमेथाइल ईथर (डीएमई) फ्यूल से चलता है। इस इंजन के सफल शोध के बाद संस्थान ने भी खुशी जाहिर की है। तीन साल की मेहनत के बाद इस इंजन को IIT की इंजन रिसर्च लैब में तैयार किया जा सका है। इंजन की कई स्टेज में टेस्टिंग की गई। इसको कई अलग-अलग गाड़ियों मे लगाकर देखा गया। सभी से परिणाम अच्छे आने के बाद शोध सफल हो सकी।
इन्होंने भी किया सहयोग
इस इंजन को डेवलप करने में IIT कानपुर का सहयोग सेंट्रल गवर्नमेंट के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) और साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) ने किया हैं। IIT के प्रोफेसरों की माने तो यह शोध देश के तेल आयात बिल को कम कर सकती है। इन दिनों पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत लोगों को काफी हरेशान कर रही हैं। इसके अलावा घरेलू कोयले के भंडार, कम मूल्य के एग्री बायोमास वेस्ट, और म्यूनिसिपलिटी के सॉलिड वेस्ट को मेथनॉल और डीएमई में चेंज करके करके ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन और व्हीकल्स को फ्यूल देने का काम भी किया जाएगा।
यह किया गया है काम
ट्रैक्टर में लगे इंजन को डीएमई फ्यूल से चलाने के लिए फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में कई बदलाव किए गए है। इंजन को बेहतर बनाने के लिए कई तकनीकी का प्रयोग किया गया हैं। हायर डायमीटर का नोजल होल, डीएमई सप्लाई लाइन, हाइप्रेशन पंप, डीएमई रिटर्न लाइन और डीएमई टैंक आदि चीजें लगाई गई हैं।