रात में ताजमहल के दीदार के लिए अब ले सकेंगे ऑनलाइन टिकट, SC ने दी राहत

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सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल को रात में देखने के लिए ऑनलाइन टिकट सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया है. पर्यटन क्षेत्र से जुड़े स्टेकहोल्डर्स ने कहा कि इससे आगरा के बजट होटलों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि यह पर्यटकों के बीच नाइट स्टे को बढ़ावा देगा. यूनेस्को की विश्व धरोहर का नाइट व्यू पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है. खासकर पूर्णिमा की रात में जब स्मारक का संगमरमर विभिन्न कोणों पर चांदनी के रूप में चमकता है.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने बुधवार को शीर्ष अदालतों के 2004 के आदेश में संशोधन किया था, जिसमें कहा गया था कि टिकट निर्धारित यात्रा से 24 घंटे पहले काउंटर से फिजीकली लिया जाना चाहिए. होटल मालिकों, ट्रैवल कंपनी के मालिकों और टूर गाइड ने ऑनलाइन बुकिंग की अनुमति देने के अदालत के आदेश की सराहना की.

आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष केसी जैन ने कहा कि इससे पर्यटकों को माल रोड स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय के काउंटर से 24 घंटे पहले फिजीकल टिकट लेने की परेशानी से राहत मिलेगी. उन्होंने पीटीआई से कहा, “कई पर्यटक भारी भीड़ के कारण खिड़की से टिकट बुक नहीं कर पाते हैं.”

सरकार द्वारा अनुमोदित टूर गाइड मोनिका शर्मा ने कहा कि उनके कई पर्यटकों को रात में ताजमहल देखे बिना वापस लौटना पड़ा क्योंकि वे रात भर रुकने में सक्षम नहीं थे या काउंटर से टिकट बुक करने में असमर्थ थे. उन्होंने कहा कि “एक महीने में, चाँद रात के व्यू के लिए पाँच दिन होते हैं – पूर्णिमा से दो दिन पहले, पूर्णिमा का दिन और पूर्णिमा के दो दिन बाद. 50 लोगों के आठ जत्थे होते हैं और रात को देखने का समय 8.30 बजे शुरू होता है.”

आगरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने कहा कि यह आगरा के बजट होटलों के लिए अच्छा है क्योंकि पर्यटक रात भर रुकना पसंद करेंगे. टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के अध्यक्ष राजीव सक्सेना ने कहा कि इस कदम से फुटफॉल में वृद्धि होगी और बिचौलियों को भी हटा दिया जाएगा जो चांद रात के दृश्य के टिकट बुक करते थे. हम यह भी चाहते हैं कि हर जत्थे में पर्यटकों की संख्या भी 50 से बढ़ाकर 100 की जाए.