ओडिशा में बीजेपी की मुख्यमंत्री नवीन पटनायक संग गठबंधन की बातचीत विफल हो गई है. इसके साथ ही बीजेपी की तरफ से ऐलान कर दिया गया है कि पार्टी अकेले ही आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेगी. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल के बीच कई दिनों से गठबंधन को लेकर बैठकें जारी थीं. चर्चा जोरों पर थी कि दोनों पार्टियों गठबंधन के तहत ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेंगी, लेकिन इस पर पेंच फंस गया है और बीजेपी ने अब अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. विगत 10 वर्षों से, श्री नवीन पटनायक जी के नेतृत्व में ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजेडी) पार्टी केंद्र की माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार के अनेक राष्ट्रीय महत्व के प्रसंगों में समर्थन देती आई है, इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा करते हुए लिखा, “विगत 10 वर्षों से, नवीन पटनायक जी के नेतृत्व में ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजेडी) पार्टी केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अनेक राष्ट्रीय महत्व के प्रसंगों में समर्थन देती आई है, इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं. अनुभव में आया है कि देशभर में जहां भी डबल इंजन की सरकार रही है, वहां विकास व गरीब कल्याण के कार्यों में तेजी आई है और राज्य हर क्षेत्र में आगे बढे हैं. लेकिन आज ओडिशा में मोदी सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएं जमीन पर नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे ओडिशा के गरीब बहनों-भाइयों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, “ओडिशा-अस्मिता, ओड़िसा-गौरव और ओडिशा के लोगों के हित से जुड़े अनेकों विषयों पर हमारी चिंताएं हैं. 4.5 करोड़ ओडिशावासियों की आशा, अभिलाषा और आकाँक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में विकसित भारत तथा विकसित ओडिशा बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बार लोकसभा की सभी 21 सीटों और विधानसभा की सभी 147 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.”
ओडिशा में कुल 21 लोकसभा और 147 विधानसभा सीटें हैं. बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन की चर्चाएं जोरों पर थीं. कहा जा रहा था कि दोनों पार्टियों में सीट-बंटवारे का फॉर्मूला इस बात पर आधारित होगा कि बीजेपी को लोकसभा में सीटों का बड़ा हिस्सा मिलेगा, जबकि बीजेडी को विधानसभा में अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है. हालांकि दोनों में बातचीत विफल रही.