ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब दास की हत्या, ASI ने मारी थीं ताबड़तोड़ गोलियां, इलाज के दौरान मौत

राष्ट्रीय

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की मौत हो गई है. एक पुलिसकर्मी ने ही गोली मार कर उनकी हत्या कर दी. एक कार्यक्रम के दौरान ओडिशा पुलिस के एएसआई ने उन्हें गोली मार दी थी जिसके बाद राजधानी भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.

कैसे हुआ हमला

दरअसल मंत्री नब दास झारसुगुड़ा में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. मंत्री जब रास्ते में अपनी गाड़ी से बाहर निकले तभी ASI ने अपनी रिवॉल्वर से उन पर फायरिंग कर दी. ये पूरी घटना झारसुगुड़ा जिले के बृजराजनगर के पास हुई.

आरोपी पुलिसकर्मी गोपाल दास गांधी चौक पुलिस चौकी पर तैनात था. उसे हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें नब दास के सीने से खून बहता हुआ दिख रहा है.

डॉक्टर अंतिम वक्त तक करते रहे कोशिश

मंत्री की मौत पर अपोलो अस्पताल की तरफ से बयान जारी किया गया है. इसमें बताया कि स्वास्थ्य मंत्री को सीने में बाएं तरफ गोली लगी थी. यहां अपोलो में डॉ. देबाशीष नायक के नेतृत्व में डॉक्टर्स की एक टीम ने तुरंत इलाज किया और उनका ऑपरेशन किया.

ऑपरेशन करने पर पाया गया कि एक ही गोली शरीर में घुसी और निकल गई, जिससे हार्ट और बाएं लंग्स में नुकसान पहुंचा. बेहद ज्यादा इंटरनल ब्लीडिंग हुई.

डॉक्टर्स ने आगे कहा- मंत्री के हार्ट की पंपिंग में सुधार के लिए जरूरी इलाज किया गया. उन्हें तत्काल आईसीयू में शिफ्ट किया गया. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका और उन्होंने दम तोड़ दिया.

चश्मदीदों ने क्या कहा

चश्मदीदों का कहना है कि गांधी चौक पर जब मंत्री अपनी कार से बाहर निकले तो आरोपी पुलिसकर्मी ने चार से पांच राउंड गोलियां चलाईं. आरोपी एएसआई को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया. बाद में पुलिस को सौंप दिया गया.

इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री को बेहतर इलाज के लिए झारसुगुड़ा से भुवनेश्वर एयरलिफ्ट करके लाया गया था. राज्य के सबसे बेहतरीन डॉक्टरों को उनके इलाज में लगाया गया था लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.

हत्या के आरोपी गोपाल की पत्नी ने क्या कहा ?

एएसआई गोपाल दास की पत्नी जयंती दास का कहना है, “मुझे नहीं पता कि क्या हुआ है. मुझे इस घटना के बारे में न्यूज से पता चला. सुबह से मेरी गोपाल से बात भी नहीं हुई. वो आखिरी बार पांच महीने पहले घर आए थे.”

जयंती दास ने ये भी कहा कि गोपाल ने सुबह वीडियो कॉल पर बेटी से बात की थी. ये उनकी आखिरी कॉल थी. उन्हें कुछ मानसिक परेशानी थी, जिसका वो पिछले 7-8 साल से इलाज करवा रहे थे. दवा लेने के बाद वो सामान्य व्यवहार करते थे.

CID ने शुरू की हत्या की जांच

घटना की जांच CID क्राइम ब्रांच ने शुरू कर दी है. जांच टीम ने ब्रजराजनगर थाना (जिला झारसुगुड़ा) से केस अपने हाथ में ले लिया है. टीम में साइबर एक्सपर्ट, बैलिस्टिक एक्सपर्ट और क्राइम ब्रांच के अफसरों समेत सात सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है.

टीम का नेतृत्व डीएसपी रमेश डोरा ओपीएस कर रहे हैं. वो जांच तुरंत शुरू करने के लिए एक विशेष हेलीकॉप्टर के जरिए झारसुगुड़ा पहुंचे हैं. बाद में बलास्टिक्स एक्सपर्ट के साथ टीम के अन्य सदस्यों के पहुंचने की उम्मीद है.

रमेश डोरा के साथ CID क्राइम ब्रांच के ADGP अरुण बोथरा (IPS) भी व्यक्तिगत रूप से जांच का सुपरविजन और मॉनिटरिंग करने के लिए मौके पर गए हैं. पुलिस ने इस मामले में U/S 307 IPC R/W 27 Arms Act के तहत केस दर्ज किया है.